पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को गुजरात के मोरबी में हाल ही में पुल ढहने की घटना की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग की. इस हादसे में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. उन्होंने कहा, दुर्घटनाएं हमेशा हमारे नियंत्रण में नहीं होतीं. लेकिन साथ ही, यह देखना होगा कि सही संगठन को सही कार्य दिया जाए. मैंने सुना है कि वहां (गुजरात में) सरकार ने पीड़ित परिवारों को पर्याप्त सहायता नहीं दी. मोरबी में पुल का नवीनीकरण कार्य ठीक से पूरा होने से पहले जनता द्वारा उपयोग करने की अनुमति दी गई थी.
ममता ने बुधवार को चेन्नई के लिए रवाना होने से पहले मीडिया कर्मियों से कहा, यह वहां के आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नवीनीकरण का काम जल्दबाजी में किया गया था. इसलिए, मुझे लगता है कि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ला गणेशन के बड़े भाई की 80वीं जयंती समारोह में शामिल होने के लिए चेन्नई पहुंची हैं. वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एम.के. स्टालिन से भी मिलेंगी. यहां पत्रकारों से बात करते हुए ममता ने यह भी सवाल किया कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां पुल के नवीनीकरण के लिए निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं की जांच क्यों नहीं कर रही हैं.
उन्होंने कहा, लोगों की जिंदगी राजनीति से ज्यादा महत्वपूर्ण है. जिस तरह से पुल का रखरखाव किया गया, वह एक अपराध के अलावा और कुछ नहीं है. मुख्यमंत्री ममता ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले और इस समय गुजरात के मेहसाणा और आणंद जिलों में रह रहे हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने के केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले पर केंद्र और भाजपा को भी आड़े हाथ लिया.
उन्होंने कहा, हम ऐसे फैसलों के पूरी तरह से खिलाफ हैं जिनका उद्देश्य संकीर्ण राजनीतिक हित साधना है. यह फैसला गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. हम पश्चिम बंगाल में ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
Source : IANS