एक तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी टीएमसी को राष्ट्रीय पार्टी बनाने के अभियान में जुटी हैं. इसके लिए वह गोवा और त्रिपुरा तक पार्टी को विस्तार दे रही हैं. दूसरी तरफ खुद उनके घर में निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान छिड़ गया है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक दीदी और उनके भतीजे अभिषेक में टिकट वितरण को लेकर खासे मतभेद उभर आए हैं. इस तरह के मतभेदों के बीच प्रशांत किशोर की कंपनी पर भी अंगुलियां उठ रही है, जिसे दीदी ने राजनीतिक रणनीतिकार बतौर हायर किया है.
108 नगर निकायों के लिए होने हैं चुनाव
पश्चिम बंगाल के 108 नगर निकायों के चुनाव होने वाले हैं. इन निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर दीदी-भतीजे में मतभेद उभर आया है. गौरतलब है कि टीएमसी में अभिषेक बनर्जी नंबर दो की हैसियत रखते हैं. यह भी माना जाता है कि बंगाल से बाहर निकलकर गोवा, त्रिपुरा जैसे राज्यों में टीएमसी के पैर पसारने और चुनाव लड़ने के फैसलों के पीछे उनकी ही राय रही है. ऐसे में अब निकाय चुनाव के लिए टीएमसी की ओर से कुल 2200 उम्मीदवारों की घोषणा के बाद लगभग 150 को लेकर दोनों में मतभेद उभर आए हैं.
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टीएमसी में टिकट वितरण बाद विद्रोह जैसी स्थिति
और तो और, निकाय चुनाव में टिकट वितरण को लेकर पार्टी को अंदरूनी औऱ बाहरी दोनों जगहों पर असंतोष का भी सामना करना पड़ रहा है. असंतोष के बजाय इसे सीधे-सीधे विद्रोह कहना भी उचित ही रहेगा. निकाय चुनाव बंगाल के 19 जिलों में होने हैं और कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. दक्षिण 24 परगना जिले और उत्तर 24 परगना में तो पुलिस को टीएमसी कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण के लिए लाठीचार्ज तक करना पड़ा. इस पूरे विद्रोह की जड़ उम्मीदवारों की दो लिस्ट करार दी जा रही हैं. एक लिस्ट को ममता बनर्जी की मंजूरी के बाद पार्टी के जनरल सेक्रेटरी पार्थ चटर्जी और सुब्रत बख्शी ने रिलीज किया था, लेकिन एक लिस्ट फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल पर अपलोड की गई है. सोशल मीडिया पर अफलोड में उन 150 उम्मीदवारों के भी नाम हैं, जिन पर ममता बनर्जी को आपत्ति है.
HIGHLIGHTS
- 2200 उम्मीदवारों के नामों की हुई है घोषणा
- इनमें से 150 नामों पर दीदी-भतीजे में रार
- टीएमसी कार्यकर्ताओं में भी असंतोष हुआ तेज