पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के नतीजों के बाद हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने कोलकाता हाईकोर्ट की 5 न्यायाधीशों की पीठ को रिपोर्ट सौंप दी है. एनएचआरसी इस मामले में अपनी विस्तृत रिपोर्ट कुछ दिनों के बाद दाखिल करेगी. अब इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी है. बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसा देखने को मिली थी. हाईकोर्ट ने एनएचआरसी को सुनवाई की अगली तारीख 30 जून यानी आज अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा था.
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बता दें कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के राज्य चुनाव जीतने के बाद भड़की हिंसा पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाले उच्च न्यायालय ने 18 जून को आदेश दिया कि एनएचआरसी समिति का गठन करे. राज्य सरकार अगले दिन एक समीक्षा याचिका के साथ उच्च न्यायालय पहुंची, जिसमें पांच न्यायाधीशों से अपने आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया गया था. बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ आरोप लगाए कि उसके समर्थकों को निशाना बनाया जा रहा है. साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि पार्टी का समर्थन करने के लिए 30 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई है और महिलाओं के साथ दुष्कर्म और छेड़छाड़ की गई है.
जिसके बाद एनएचआरसी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा की शिकायतों की जांच करने के लिए एक सात सदस्यीय पैनल का गठन किया और पैनल को उन लोगों की पहचान करने के लिए कहा जो प्रथम दृष्टया हिंसा के लिए जिम्मेदार थे. समिति में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद, राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य राजुलबेन एल देसाई, एनएचआरसी के निदेशक जांच संतोष मेहरा और डीआईजी, जांच मंजिल सैनी, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार पांजा और पश्चिम बंगाल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण सदस्य सचिव राजू मुखर्जी भी शामिल हैं.
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उधर, जादवपुर में एनएचआरसी टीम पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की ओर एडवोकेट जनरल ने कोलकाता हाईकोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ को बताया कि इल मामले में एनएचआरसी टीम ने पुलिस शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया था. बता दें कि एनएचआरसी की टीम पर जादवपुर पहुंचने पर कथित तौर पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था. यह टीम कुछ शिकायतें मिलने के बाद उसका विवरण जानने के लिए जादवपुर गई थी.