पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच तरकार किसी से छुपी नहीं है. पंजाब कांग्रेस में अंदरुनी कलह के बीच नाराज पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के मंगलवार को राहुल गांधी से मिलने की संभावना है. यह बैठक कांग्रेस के शांति फार्मूले से पहले है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी असंतुष्ट नेता को शांत करने की कोशिश करेंगे और अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए दबाव डालेंगे.
नवजोत सिंह सिद्धू ने मुद्दों को सुलझाने के लिए पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी की ओर से गठित तीन सदस्यीय पैनल से भी मुलाकात की थी. पिछले हफ्ते पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और सांसद प्रताप सिंह बाजवा और मनीष तिवारी ने राहुल गांधी से मुलाकात की और उन्हें राज्य में बढ़ रही अंदरूनी कलह के बाद की स्थिति से अवगत कराया.
बैठक के बाद सुनील जाखड़ ने कहा था कि उम्मीद है कि मौजूदा स्थिति का समाधान हो जाएगा और कुछ गलत लोग विधायकों के परिजनों को नौकरी देने के फैसले पर मुख्यमंत्री को सलाह दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के मुद्दे पर पार्टी नेतृत्व चर्चा कर रहा है, जबकि पंजाब के सीएम के एक और धुरंधर प्रताप सिंह बाजवा ने भी राहुल गांधी से मुलाकात की और कहा कि उन्होंने राज्य की जमीनी हकीकत और वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी खींचतान का मामला हाईकमान तक पहुंचा तो सिद्धू को मुंह की खानी पड़ी. नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से अमरिंदर पर खुले तौर पर हमला बोलने के मुद्दे को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाईकमान के सामने उठाया है. सूत्रों के मुताबिक, हाईकमान ने भी माना है कि नवजोत सिंह सिद्धू को किसी भी तरह के मतभेद की बात पार्टी फोरम में ही रखनी चाहिए थी. इतना ही नहीं सूत्रों का कहना है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के पैनल ने अमरिंदर सिंह को ही 2022 के विधानसभा चुनावों के लिए कैप्टन बनाए रखने पर सहमति जताई है और उन्हें टीम चुनने के लिए फ्रीहैंड दिया है.
नवजोत सिद्धू के बयान से आलाकमान नाखुश
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू की बयानबाजी से कांग्रेस आलाकमान नाखुश हैं. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस तरह खुले तौर पर बयानबाजी करके सिद्धू ने हिट विकेट होने वाला काम किया है और अब उन्हें डिप्टी सीएम या फिर प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलना मुश्किल है. हालांकि इससे पहले सिद्धू को कांग्रेस की ओर से डिप्टी सीएम का पद देने का प्रस्ताव दिया गया था. इस पर भी कांग्रेस सूत्रों का कहना था कि सिद्धू ने डिप्टी सीएम बनने से इनकार कर दिया है और प्रदेश अध्यक्ष का ही पद चाहते हैं.
Source : IANS