बंगाल हिंसा पर NHRC ने सौंपी रिपोर्ट, ममता ने कहा ' यूपी क्यों नहीं भेजा जाता कमीशन '

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा (Post Poll Violence in Bengal) पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission) ने अपनी रिपोर्ट कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) की पांच-न्यायाधीशों की पीठ को गुरुवार को सौंप दी.  

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Avinash Prabhakar
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बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा( Photo Credit : file)

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पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा (Post Poll Violence in Bengal) पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Right Commission) ने अपनी रिपोर्ट कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) की पांच-न्यायाधीशों की पीठ को गुरुवार को सौंप दी.  इस रिपोर्ट ,में कहा गया है कि राज्य में चुनाव के बाद हिंसक घटनाओं में पीड़ितों की दुर्दशा के प्रति राज्य सरकार की भयावह उदासीनता को दर्शाता है.  वैसे बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ( CM Mamata Banerjee) ने मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. 

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रिपोर्ट को नकारते हुए कहा कि उन्हें मालूम है कि रिपोर्ट बनाने वाले लोग कौन हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि यूपी की कानून व्यवस्था बदतर हैं. वहां क्यों नहीं कमीशन भेजा जाता है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सदस्यीय टीम ने सीलबंद लिफाफे में कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी. पहली अंतरिम रिपोर्ट दाखिल की गई थी और फिर इस सप्ताह एक अंतिम रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणियां की गई हैं. सूत्रों का मानना है कि  आयोग ने 3000 मामलों में से लगभग 1000 मामलों के आधार पर रिपोर्ट बनाई गई है. आयोग की अलग-अलग सदस्यों वाली टीमों ने राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की थी. रिपोर्ट में सदस्यों के साथ मारपीट, हमला और यहां तक ​​कि परेशान किए जाने के उदाहरण का उल्लेख किया गया है, लेकिन इस दौरान स्थानीय पुलिस मूकदर्शक रही थी.

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने NHRC की रिपोर्ट को खारिज कर दिया. उन्होंने इस रिपोर्ट को न्यायलय के विचाराधीन मामला बताते हुए इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने बीजेपी पर अदालत के कोई टिप्पणी देने से पहले ही रिपोर्ट बनाने के लिए भाजपा पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हाथरस से लेकर उन्नाव तक कई घटनाएं हो चुकी हैं. वहां पर पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया है. लेकिन उन्होंने बंगाल को बदनाम किया है. बंगाल में ज्यादातर हिंसा चुनाव से पहले हुई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध (Political Vendeta) करार दिया है.

HIGHLIGHTS

  • रिपोर्ट पर उठाए सवाल 
  • राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया
  • भाजपा को अदालत से पहले टिप्पणी करने पर घेरा 
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