पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और उसके पोषित लोगों द्वारा हिंदू महिलाओं के साथ हुए दुष्कर्म को लेकर रिपोर्टिंग कर रहे एक पत्रकार संदेशखाली से ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा था. उसे गिरफ्तार कर लिया गया, यह गिरफ्तारी मीडिया पर सीधे हमला है. पश्चिम बंगाल मे इस गिरफ्तारी से पता चलता है कि ममता सरकार संदेशखाली की घटनाओं को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है. पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है. पत्रकारों पर हमले का मतलब लोकतंत्र पर हमला है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली कूच की तैयारी में किसान, शंभू बॉर्डर पर इस मशीन से सभी रुकावटों को करेंगे दूर
बंगाल में लगातार पत्रकारों को दबाने का प्रयास हो रहा है. पत्रकार असुरक्षित हैं. इससे पहले दिसंबर 2021 मे बंगाल सरकार ने ऑपइंडिया की प्रधान संपादक नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कराई थी, उसने बंगाल में तेलिनीपारा दंगों पर स्टोरी लिखी थी, जहां हिंदुओं पर हमला किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नूपुर शर्मा के खिलाफ सभी 4 एफआईआर वापस लेने को कहा था. कोर्ट ने न केवल असहमति वाले विचारों के प्रति सहनशीलता के घटते स्तर पर चिंता व्यक्त की, बल्कि यह भी कहा कि पत्रकारों को सार्वजनिक डोमेन में मौजूद जानकारी का परिणाम भुगतना पड़ता है.
वंदे भारत एक्सप्रेस पर हुई घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी
इसले पहले जनवरी 2023 में कोलकाता पुलिस ने बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और सिटी 10 ग्रैब के खिलाफ वंदे भारत एक्सप्रेस पर हुई घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी. जनवरी 2023 मे पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के आठ पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. पानी का कनेक्शन देने के लिए नगरपालिका द्वारा अवैध रूप से "कट मनी" लेने के एक कथित मामले पर पत्रकारों ने रिपोर्ट की थी.
मुकदमा दर्ज कर दिया गया था
जुलाई, 2020 दिल्ली के पत्रकार डॉ. प्रवीण तिवारी पर पश्चिम बंगाल में सोशल मीडिया पर एक रिपोर्ट पोस्ट को लेकर छवि खराब करने का आरोप लगा कर मुकदमा दर्ज कर दिया गया था. पश्चिम बंगाल पुलिस लॉकडाउन के दौरान आने-जाने पर लगे प्रतिबंध के बावजूद उन्हें नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया.
चौथे स्तंभ का दमन हो रहा
कांग्रेस के नेतृत्व वाले राज्यों की सरकार मीडिया पर निशाना साधते नजर आ रहे हैं. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का दमन हो रहा है. यह विपक्षी पार्टियों का प्रेस की स्वतंत्रता स्वतंत्र का पाखंड उजागर हो रहा है. लोकतन्त्र के रक्षक की बात करने वाले विपक्षी राज्यों में प्रेस की स्वतंत्रता हमला कर ये अपनी गलतियों को दबाना चाहते हैं. राहुल गांधी झूठे न्याय कर रहे है.
(रिपोर्ट: प्रेरणा कुमारी: डीआरडीओ में काम कर चुकी हैं. बीतें 5 वर्षों से प्रिंट और डिजिटल के लिए लेख, रिपोर्टिंग कर रही हैं.)
Source : News Nation Bureau