पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल का निरीक्षण किया है. यहां उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है. बचपन से जब भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी का नाम सुना, मैं किसी भी स्थिति-परिस्थिति में रहा, इस नाम से एक नई ऊर्जा से भर गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज कोलकाता में आना मेरे लिए बहुत भावुक कर देने वाला क्षण है. बचपन से जब भी ये नाम सुना- नेताजी सुभाष चंद्र बोस, मैं किसी भी परिस्थिति में रहा हूं, ये नाम कान में पड़ते ही मैं एक नई ऊर्जा से भर गया. इतना विराट व्यक्ति है उनका. आज के ही दिन मां भारती की गोद में उस वीर सपूत ने जन्म लिया था, जिसने आजाद भारत के सपने को नई दिशा दी थी.
उन्होंने आगे कहा कि आज के ही दिन ग़ुलामी के अंधेरे में वो चेतना फूटी थी, जिसने दुनिया की सबसे बड़ी सत्ता के सामने खड़े होकर कहा था, मैं तुमसे आजादी मांगूंगा नहीं, छीन लूंगा. मैं नेता जी की 125वीं जयंती पर कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें नमन करता हूं. मैं आज बालक सुभाष को नेताजी बनाने वाली, उनके जीवन को तप, त्याग और तितिक्षा से गढ़ने वाली बंगाल की इस पुण्यभूमि को भी नमन करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने अनुभव किया है कि नेताजी का नाम सुनते ही हर कोई कितनी ऊर्जा से भर जाता है. नेताजी के जीवन की ऊर्जा जैसे उनके अंतर्मन से जुड़ गई है. उनकी ऊर्जा, आदर्श, तपस्या, त्याग देश के हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. यह भूमि, जिसने हमें सभी क्षेत्रों में असंख्य खजाने दिए हैं, हमें भी अपना राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत दिया है. मैं उन सभी महान लोगों का सम्मान करता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि आज जब भारत नेताजी की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है तो हम सभी का कर्तव्य है कि उनके योगदान को पीढ़ी दर पीढ़ी याद किया जाए. इसलिए देश ने ये तय किया है कि अब हर वर्ष हम नेताजी की जयंती, यानी 23 जनवरी को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाया करेंगे. आज जब इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश करने वाला है, जब देश आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, तब नेताजी का जीवन, उनका हर कार्य, उनका हर फैसला, हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है.
पीएम ने आगे कहा कि उनके जैसे फौलादी इरादों वाले व्यक्तित्व के लिए असंभव कुछ नहीं था. उन्होंने विदेश में जाकर देश से बाहर रहने वाले भारतीयों की चेतना को झकझोरा. उन्होंने पूरे देश से हर जाति, पंथ, हर क्षेत्र के लोगों को देश का सैनिक बनाया. नेताजी का संकल्प था भारत की जमीन पर आजाद भारत की आजाद सरकार की नींव रखेंगे. नेताजी ने अपना ये वादा भी पूरा करके दिखाया. उन्होंने अंडमान में अपने सैनिकों के साथ आकर तिरंगा फहराया
उन्होंने आगे कहा कि 2018 में ही देश ने आज़ाद हिन्द सरकार के 75 साल को भी उतने ही धूमधाम से मनाया था. नेताजी ने "दिल्ली दूर नहीं" का नारा देकर लाल किले पर झंडा फैहराने का सपना देखा था, देश ने वो सपना पूरा किया. जब आजाद हिंद फौज की कैप में मैंने लाल किले पर झंडा फहराया था, उस वक्त मेरे मन मस्तिष्क में बहुत कुछ चल रहा था. बहुत से सवाल थे, बहुत सी बातें थीं, एक अलग अनुभूति थी. मैं नेताजी के बारे में सोच रहा था, देशवासियों के बारे में सोच रहा था.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नेताजी किसके लिए जीवन भर इतना रिस्क उठाते रहे- हमारे और आपके लिए. वो कई-कई दिनों तक आमरण अनशन किसके लिए करते रहे- आपके और हमारे लिए. वो महीनों तक किसके लिए जेल की कोठरी में सजा भुगतते रहे- आपके और हमारे लिए. विश्व युद्ध के माहौल में देशों के बीच पल-पल बदलते रिश्तों के बीच क्यों वो हर देश में जाकर भारत के लिए समर्थन मांग रहे थे? ताकि भारत आजाद हो सके, हम और आप आजाद भारत में सांस ले सकें.
उन्होंने आगे कहा कि हिंदुस्तान का एक-एक व्यक्ति नेताजी का ऋणी है. 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के शरीर में बहती रक्त की एक-एक बूंद नेताजी सुभाष की ऋणी है. आज हर भारतीय अपने दिल पर हाथ रखे, नेताजी सुभाष को महसूस करे, तो उसे फिर ये सवाल सुनाई देगा. क्या मेरा एक काम कर सकते हो? ये काम, ये काज, ये लक्ष्य आज भारत को आत्मनिर्भर बनाने का है. देश का जन-जन, देश का हर क्षेत्र, देश का हर व्यक्ति इससे जुड़ा है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मुझे संतोष है कि आज देश पीड़ित, शोषित वंचित को, अपने किसान को, देश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए दिन-रात एक कर रहा है. आज हर एक गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही. नेताजी ने कहा था कि आजाद भारत के सपने में कभी भरोसा मत खोइए. दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को बांधकर रख सके. वाकई दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो 130 करोड़ देशवसियों को अपने भारत को आत्मनिर्भर भारत बनाने से रोक सके.
मोदी ने कहा कि नेताजी जिस भी स्वरूप में हमें देख रहे हैं, हमें आशीर्वाद दे रहे हैं. जिस भारत की उन्होंने कल्पना की थी, LAC से लेकर LOC तक, भारत का यही अवतार दुनिया देख रही है. जहां कहीं से भी भारत की संप्रुता को चुनौती देने की कोशिश की गई, भारत उसका मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. नेताजी, आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही सोनार बांग्ला की भी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं. जो भूमिका नेताजी ने देश की आजादी में निभाई थी, वही भूमिका पश्चिम बंगाल को आत्मनिर्भर भारत में निभानी है.
Source : News Nation Bureau