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दो लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने आतंकी मॉड्यूल के प्रयास को विफल किया

कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने पांच नवंबर को अलकायदा से जुड़े दो लोगों की गिरफ्तार कर दक्षिण 24 परगना जिले के मथुरापुर इलाके में एक नया अल कायदा मॉड्यूल की स्थापना के प्रयास को विफल कर दिया है.  कोलकाता पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसके विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने 48 घंटों के दौरान मथुरापुर से अल कायदा से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया. इन गिरफ्तारियों के साथ पिछले चार महीनों के दौरान एसटीएफ अल कायदा से जुड़े आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा सितंबर में एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी सेक्टर के पहाड़ी रिसॉर्ट शहर कलिम्पोंग से पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एक संदिग्ध जासूस को भी गिरफ्तार किया था.

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IANS
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WB Police

(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)

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कोलकाता पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने पांच नवंबर को अलकायदा से जुड़े दो लोगों की गिरफ्तार कर दक्षिण 24 परगना जिले के मथुरापुर इलाके में एक नया अल कायदा मॉड्यूल की स्थापना के प्रयास को विफल कर दिया है.  कोलकाता पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसके विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने 48 घंटों के दौरान मथुरापुर से अल कायदा से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया. इन गिरफ्तारियों के साथ पिछले चार महीनों के दौरान एसटीएफ अल कायदा से जुड़े आठ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा सितंबर में एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी सेक्टर के पहाड़ी रिसॉर्ट शहर कलिम्पोंग से पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एक संदिग्ध जासूस को भी गिरफ्तार किया था.

पुलिस सूत्रों ने कहा कि पांच नवंबर को गिरफ्तार आरोपी अजीजुल हक और मनिरुद्दीन खान पढ़े-लिखे हैं. अजीजुल हक जहां पेशे से शिक्षक है, वहीं मनिरुद्दीन खान बारासात कॉलेज में इतिहास के तीसरे वर्ष का छात्र है. दोनों अपने-अपने इलाकों में बेहद मृदुभाषी और सभ्य व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं. खान हक से ट्यूशन भी लेता था. सूत्रों के मुताबिक आरोपियों से पूछताछ के बाद स्पष्ट हुआ कि वे मथुरापुर क्षेत्र में एक नया मॉड्यूल बनाने की तैयारी कर रहे थे.

आरोपियों का निशाना मुख्य रूप से दक्षिण 24 परगना जिले के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों के युवा थे. वे युवाओं को जेहाद से संबंधित वीडियो दिखाकर उनका ब्रेनवॉश करते थे और विशेष समुदाय के खिलाफ भड़काते थे. मनिरुद्दीन खान नकली भारतीय पहचान पत्र, मोबाइल सिम कार्ड, बैंक खातों की व्यवस्था करने और बांग्लादेश से आने वाले अलकायदा के सदस्यों के लिए रसद सहायता प्रदान करता था. उसने संगठन के लिए धन उगाहने का भी काम किया.

Source : IANS

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