Bangladesh: बांग्लादेश विरोध की आग में जल आ रहा है. पहले तो देश में आरक्षण विरोधी आंदोलन शुरू किया गया था, लेकिन बाद में इसने उग्र आंदोलन का रूप ले लिया और आरक्षण की जगह देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग उठने लगी. 5 अगस्त को प्रदर्शनकारी इतने ज्यादा उग्र हो गए कि वे पीएम आवास में घुस गए और कई सरकरी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया. इस बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर निकल गईं.
बांग्लादेशी कर रहे हैं भारत में घुसपैठ की कोशिश
फिलहाल सेना ही देश का नेतृत्व कर रही है. बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा को देखते हुए कई बांग्लादेशी भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश कर रहे हैं. बुधवार को कई बांग्लादेशी नागरिकों ने पश्चिम बंगाल के जरिए भारत में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के जवानों व अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया. इसकी जानकारी खुद बीएसएफ अधिकारी ने एएनआई से बात करते हुए दी.
बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने दी जानकारी
बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश के नागरिक भारी संख्या में एक जगह एकत्रित हो गए और उत्तर बंगाल के रास्ते सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान उन्हें घुसपैठ करने से रोक दिया गया. बता दें कि पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश की सीमा लगभग 2217 किमी लंबी है और इसी का फायदा बांग्लादेशी उठाना चाह रहे हैं. वहीं, भारत-बांग्लादेश की सीमा 4,096 किमी लंबी है.
यह भी पढ़ें- Kanya Sumangala Yojana 2024: बेटियों के जन्म पर मिलेगा 25,000 रुपये, जल्दी से करें अप्लाई
कहां से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
आपको बता दें कि बांग्लादेश में पहले देश के स्वतंत्रता संग्राम में लड़ने वाले सेनानियों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी में 30 फीसदी आरक्षण देने को लेकर विरध प्रदर्शन शुरू हुआ था. पहले यह आंदोलन आरक्षण को लेकर शुरू हुई थी, लेकिन बाद में इसने उग्र रूप ले लिया. देश के कोर्ट द्वारा आरक्षण पर रोक लगाए जाने के बाद भी यह नहीं रुका और देखते ही देखते यह आंदोलन कट्टरपंथी आंदोलन में बदल गया. जिसकी आग में पूरा देश जल रहा है.