Kolkata Doctor Rape Case: अपनी सफेद और बेज रंग की साड़ी में झुकी हुई, माया रानी चक्रवर्ती, उम्र 90 वर्ष, मोमबत्ती की रोशनी में भी दृढ़ संकल्प के साथ कदम बढ़ा रही थीं. कोलकाता के जोका इलाके में रहने वाली माया रानी ने अपनी उम्र के बावजूद 3 किमी लंबा 'रिक्लेम द नाइट' विरोध मार्च में हिस्सा लिया. उनका यह मार्च उस महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ था जो 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घटित हुआ था. बुधवार को उन्होंने अपने अपार्टमेंट से जोका के ईएसआई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल तक मार्च करते हुए इस घटना के प्रति अपना विरोध दर्ज किया.
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आपको बता दें कि चक्रवर्ती को इस दर्दनाक घटना के बारे में उनकी पोतियों और भतीजियों से पता चला, जिससे वह अंदर तक हिल गईं. वह आमतौर पर समाचारों से दूर रहती हैं, लेकिन इस घटना ने उनके मन में गहरी बेचैनी पैदा कर दी. जब उन्होंने विरोध प्रदर्शन के पोस्टर देखे, तो उन्होंने तुरंत उसमें शामिल होने का निर्णय लिया. उन्होंने कहा, ''यह मेरे जीवन में सुनी गई सबसे भयानक और परेशान करने वाली घटना है. महिलाएं अब अंतरिक्ष में कदम रख चुकी हैं, लेकिन हम उन्हें उनकी सुरक्षा का बुनियादी अधिकार तक नहीं दे पा रहे हैं. मेरे परिवार में कई लड़कियां हैं, जो सभी कामकाजी हैं. इसलिए, मैंने तय किया कि भले ही और कोई न जाए, मैं जरूर मोमबत्ती लेकर इस मार्च का हिस्सा बनूंगी.''
इसके साथ ही आगे चक्रवर्ती ने बताया कि इस घटना ने उनके भीतर कुछ तोड़ दिया. वह अपने परिवार की लड़कियों की सुरक्षा को लेकर भी बेहद चिंतित हैं. उन्होंने कहा, ''जब मैंने इस घटना के बारे में सुना, तो मेरी आंखों में आंसू आ गए. उस दिन मेरा रक्तचाप भी बढ़ गया था. मुझे नहीं समझ आता कि हम एक समाज के रूप में किस दिशा में जा रहे हैं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक सभ्य दुनिया में ऐसी घिनौनी घटना हो सकती है. आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को लेकर मैं बेहद चिंतित हूं.''
साथ ही आपको बता दें कि उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी पोतियों और भतीजों से इस मामले से संबंधित हर दिन अपडेट मिलता है और इसी तरह उन्हें 'रिक्लेम द नाइट' विरोध प्रदर्शन की जानकारी भी मिली. वहीं उन्होंने कहा, ''उस मासूम डॉक्टर की आत्मा के लिए न्याय की मांग करते हुए मुझे एक आंतरिक संतुष्टि का अनुभव हुआ. हमें एक समाज के रूप में अपनी आवाज उठानी चाहिए और जब भी जरूरी हो, विरोध करना चाहिए.''