Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित संदेशखाली हिंसा मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने आज यानी मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए हिंसा से जुड़े तीनों मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संदेशखाली में महिलाओं द्वारा किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शन और कई दिनों तक चले राजनीतिक उठापटक के बाद पुलिस ने 29 फरवरी को टीएमसी नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया था. शाहजहां शेख 55 दिनों से फरार चल रहा था. शाहजहां शेख पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने संबंधी कई आरोप हैं.
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पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने जानकारी देते हुए बताया था कि उत्तर परगना जिले के सुंदरवन के बाहरी इलाके से 30 किलोमीटर की दूरी पर मिनाखान थाना क्षेत्र में शाहजहां शेख को एक घर से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार शाहजहां शेख घर में अपने कुछ साथियों के साथ छिपा हुआ था. गिरफ्तारी के बाद शेख को बशीहाट कोर्ट में पेश किया गया था, जिसके बाद उसको 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया था.
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आपको बता दें कि शाहजहां शेख ममता बनर्जी सरकार में एक मंत्री का नजदीकी बताया जाता है. शाहजहां शेख पर राशन घोटाले का भी आरोप है, जिसमें पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम संदेशखाली पहुंची थी. यहां शाहजहां शेख के समर्थकों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था, जिसमें कई अफसर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस घटना के बाद शाहजहां शेख मौके से फरार हो गया था, जिसके बाद वहां की स्थानीय महिलाओं का गुस्सा शाहजहां शेख और उसके समर्थकों के खिलाफ फूटा था. महिलाओं का आरोप था कि शेख न केवल लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जा करता है, बल्कि वह और उसके समर्थन लोगों के घरों में घुसकर जबरन महिलाओं को उठा ले जाते हैं. खासकर सुंदर दिखने वाली महिलाओं को निशाना बनाया जाता है. महिलाओं ने शाहजहां शेख पर यौन शोषण का आरोप भी लगाया था. गुस्साई महिलाओं ने शेख के पॉल्ट्री हाउस को भी आग लगा दी थी.
Source : News Nation Bureau