बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए शिवसेना ने भी कमर कस ली है. ममता के गढ़ में इस बार शिवसेना भी उतरेगी. रविवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हम जल्द कोलकाता पहुंच रहे हैं. शिवसेना के चुनावी ऐलान के बाद बंगाल का सियासी पारा बढ़ना तय है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी बंगाल में जहां पूरी ताकत के साथ मैदान में है. अब शिवसेना की एंट्री टीएमसी के लिए नई आफत बनकर आ गई है.
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महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की महाराष्ट्र विकास अघाडी की सरकार चल रही है. अब देखना होगा कि क्या शिवसेना यहां भी कांग्रेस से हाथ मिलाती है या नहीं. गौरतलब है कि बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन है. टीएमसी ने वाम मोर्चा और कांग्रेस से बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की थी लेकिन दोनों दलों ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी जोर-शोर के साथ चुनावी तैयारियों में जुटी है.
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बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी बंगाल चुनाव में उतरने का ऐलान किया है. बंगाल में ओवैसी की एंट्री से विपक्षी पार्टियां भाजपा को फायदा होने का कयास लगा रही हैं. भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने भी कहा था कि ओवैसी ने बिहार में भाजपा की मदद की थी, अब बंगाल में भी करेंगे. इससे पहले 2020 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 5 सीटें हासिल की थी.
Source : News Nation Bureau