नारदा स्टिंग केस में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हुई अराजकता के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मंत्री मलय घटक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दोबारा कोलकाता हाईकोर्ट में जाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मंत्री मलय घटक से कहा है कि वह कलकत्ता हाई कोर्ट से दोबारा हलफनामा दायर करने की अनुमति मांगें. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि इसके लिए हाईकोर्ट के सामने 28 जून तक नए सिरे से दोनों आवेदन दाखिल करें.
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दरअसल, कोलकाता हाईकोर्ट ने नारदा मामले में सुनवाई को सीबीआई कोर्ट से हाईकोर्ट ट्रांसफर करने की सीबीआई की याचिका पर सुनवाई में ममता बनर्जी और मलय घटक के हलफनामे को स्वीकार करने से मना कर दिया था. हाईकोर्ट ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद दोनों ने एफिडेविट दाखिल करने की अनुमति मांगी जो अदालती कार्यवाही के तौर तरीके के विपरीत थी. जिसके बाद ममता बनर्जी और मोलॉय घटक ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. दोनों की याचिका में कहा गया था कि हाईकोर्ट ने उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दे रहा.
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मामले में आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी और मोलॉय के वकील राकेश द्विवेदी, एसजी तुषार मेहता और पश्चिम बंगाल सरकार के वकील विकास सिंह को पहले 5-5 मिनट में अपनी बात रखने को कहा, ताकि कोर्ट केस को समझ सके. CBI की ओर से SG तुषार मेहता ने बताया कि ममता और मोलॉय घटक ने बहस पूरी होने के बाद हलफनामा दिया. जबकि, उन्हें काफी पहले नोटिस जारी हो चुका था. सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल उठाया कि आखिर दोनों की ओर से हलफनामा दायर करने में इतनी देर क्यों हुई. यही नहीं, दोनों ने हाईकोर्ट को ये भी साफ नहीं दिया कि जवाब दायर करने में देरी की वजह क्या रही. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को दोबारा से कोलकाता हाईकोर्ट में आवेदन का निर्देश दिया है.
HIGHLIGHTS
- नारदा स्टिंग केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- CM ममता और मंत्री घटक को SC का निर्देश
- HC में दोबारा आवेदन दाखिल करने को कहा