पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की भारी जीत के बाद राज्य में राजनीतिक हिंसा का दौर चल पड़ा है. लगातार बंगाल में खूनी खेल देखने को मिला है. चुनाव नतीजों के बाद से कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया है और कई घायल हो गए. कई लोगों के घरों में लूटपाट की गई है तो कुछ जगहों पर घरों और दुकानों को फूंक दिया गया है. मरने वाले और आगजनी के पीड़ित लोग बीजेपी के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं तो राज्य में हिंसा और आगजनी करने का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगे हैं. इन रक्तरंजित घटनाओं की देशभर में निंदा की जा रही है. वही पश्चिम बंगाल के ही कुचबिहार जिले के शीतलकूची में चुनाव के दिन चार लोगों की हुई हत्या की घटना के बाद से यहां माहौल लगातार बिगड़ता चला गया. आलम यह है कि चुनाव के इतने दिनों बाद भी यहां स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है.
आज एक बार फिर यहां तृणमूल कांग्रेस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प की घटना सामने आई है. आरोप है कि एक मांस दुकान में मांस काटने को लेकर हुए मामूली विवाद के बाद तृणमूल कांग्रेस कर्मियों ने स्थानीय भाजपा कार्यालय पर हमला करते हुए वहां जमकर तोड़फोड़ की. यही नहीं वहां रखे भाजपा कर्मियों के मोटरसाइकिल में भी तोड़फोड़ की गई. घटना के बाद से ही पूरे इलाके में तनाव का माहौल है. घटना की सूचना मिलने के बाद बड़ी संख्या में से पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच कर रही है.
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा हर रोज नया गुल खिला रही है, राज्य अकल्पनीय स्तर पर चुनाव बाद अप्रत्याशित प्रतिशोधात्मक हिंसा की चपेट में है. लाखों लोग विस्थापित किए जा रहे हैं और करोड़ों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. लगातार तोड़फोड़ और अराजकता से बड़े पैमाने पर आगजनी, लूट और संपत्तियों को नुकसान हुआ है. बंगाल में हो रहे हिंसा के लिये भाजपा ने जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार बताया है तो वहीं टीएमसी ने भाजपा पर हिंसक घटनाओं के राजनीतिकरण का आरोप लगाया है. राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर हिंसा होने की बात का खंडन किया है.
HIGHLIGHTS
- चुनाव के इतने दिनों बाद भी यहां स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है
- तृणमूल कांग्रेस व भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प की घटना सामने आई
- घटना के बाद से ही पूरे इलाके में तनाव का माहौल है
Source : News Nation Bureau