पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा समय से पहले विधानसभा सत्र समाप्त करने से नाराज ममता बनर्जी ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने गैर भादपा शासित राज्यों के राज्यपालों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और संवैधानिक मर्यादाओं को लांघने का आरोप लगाते हुए गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लामबंद करना शुरू कर दिया है. इसकी जानकारी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दी है. उन्होंने रविवार को ट्वीट किया कि प्रिय दीदी ममता बनर्जी ने मुझे गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपालों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग और संवैधानिक मर्यादाओं को लांघने पर अपनी चिंता और पीड़ा साझा करने के लिए फोन किया. उन्होंने विपक्षी मुख्यमंत्रियों की बैठक का सुझाव दिया. इसके बाद एक और ट्वीट कर उन्होंने लिखा कि विपक्षी मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन जल्द ही दिल्ली से बाहर बुलाया जाएगा.
स्टैलिन ने की राज्यपाल के फैसले की निंदा
बंगाल और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों के बीच यह बातचीत ऐसे वक्त में हुई है, जब स्टालिन ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की ओर से वक्त से पहले विधानसभा सत्र को समाप्त करने के फैसले की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने ट्वीटकर लिखा था कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल द्वारा राज्य के विधानसभा सत्र को समय से पहले स्थगित करने का काम औचित्यहीन है और स्थापित मानदंडों व परंपराओं के खिलाफ है. इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीच कर लिखा था कि राज्य का प्रतीकात्मक मुखिया (राज्यपाल) संविधान के आदर्शों को बनाए रखने के लिए आदर्श होना चाहिए. लोकतंत्र की सुंदरता एक-दूसरे का सम्मान करने में ही है. इसके बाद ममता बनर्जी से बातचीत के दौरान द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) प्रमुख ने बनर्जी को राज्य की स्वायत्तता बनाए रखने के लिए अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता का भरोसा दिलाया.
राज्यपाल ने ये दी सफाई
DMK प्रमुख एमके स्टालिन के बयानों से बौखलाए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीटकर लिखा कि वह मामले की जानकारी के बिना इस विषय पर प्रतिक्रिया कर रहे हैं. धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा कि स्टालिन की अत्यंत कठोर और आहत करने वाली टिप्पणियां तथ्यों के अनुरूप नहीं हैं.
HIGHLIGHTS
- वक्त से पहले विधानसभा सत्र समाप्त करने पर बढ़ा विवाद
- ममता ने शुरू कीं गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों की लामबंदी
- जल्द होगी गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों की बैठक