पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का किला तास के पत्तों की तरह ढह रहा है. विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी के अंदर इस्तीफों की झड़ी लग गई है. पार्टी के अंदर अंदरूनी रार इतनी बढ़ चुकी है कि एक के बाद एक कई नेता टीएमसी का दामन छोड़ गए हैं. इसी कड़ी में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को विधायक बनश्री मैती ने झटका दिया है. उन्होंने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. मैती तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में एक थीं.
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बनश्री मैती पश्चिम बंगाल के कंथी उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से दो बार की विधायक चुनी गईं. शुक्रवार को मैती ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को ई-मेल से अपना इस्तीफा भेज दिया. चर्चा है कि वह भी जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकती हैं. मैती ने अपने पत्र में कहा, 'मैं तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रही हूं.' पूर्वी मिदनापुर जिले में तृणमूल कांग्रेस की वरिष्ठ नेता को सुवेंदु अधिकारी का करीबी माना जाता है.
ममता बनर्जी के सिपहसालार रहे सुवेंदु अधिकारी के तृणमूल छोड़ने के बाद कुछ और नेताओं ने पार्टी छोड़ दी. शुक्रवार को बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्ता ने भी इस्तीफा दे दिया. पूर्व मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने की घोषणा की है. के बाद पांडवेश्वर के विधायक और आसनसोल नगर निगम के प्रमुख जितेंद्र तिवारी ने भी पार्टी छोड़ दी, मगर बीजेपी सांसद बाबुल सुप्रियो ने खिलाफत की तो उन्होंने अपना इरादा बदलते हुए ममता बनर्जी से माफी मांग ली है और पार्टी में लौट गए.
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हालांकि टीएमसी का कुनबा कितना छोटा होने वाला है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक कई बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और कुछ नेता इस्तीफा देने के लिए लाइन में खड़े हैं. बंगाल बीजेपी के उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह दावा कर रहे हैं कि करीब 10-12 विधायक, तृणमूल कांगेस और अन्य दलों के कुछ नेता भगवा पार्टी में शामिल होंगे. यानी बीजेपी नेता के इस को हकीकत में बदलते देखा जाए तो समझ आएगा कि बीजेपी चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी को हार के खौफ से सामना कराने वाली है. फिलहाल टीएमसी में बगावत ममता बनर्जी के लिए चिंता का सबब बनी है. बाकी की मुश्किल बीजेपी के बढ़ते ग्राफ ने बढ़ा दी है.
Source : News Nation Bureau