Advertisment

उत्तराखंड आपदा में जान गंवाने वाले बंगाल के 5 और पर्यटकों का शव पहुंचा कोलकाता

उत्तराखंड आपदा में बंगाल के पांच ट्रेकर्स की भी मौत हो गई थी. गुरुवार 28 अक्टूबर को ट्रेकर सागर प्रीतम रॉय सहित उत्तराखंड आपदा में जान गंवाने वाले 5 ट्रेकर्स के शव कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंचा.

author-image
Satyam Dubey
New Update
5 trekkers died

5 trekkers died ( Photo Credit : NewsNation)

Advertisment

उत्तराखंड (Uttrakhand) आपदा में बंगाल के पांच ट्रेकर्स की भी मौत हो गई थी. गुरुवार 28 अक्टूबर को ट्रेकर सागर प्रीतम रॉय सहित उत्तराखंड आपदा में जान गंवाने वाले पांचों ट्रेकर्स के शव कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंचा. फिर वहां सभी के शवों को उनके घरों तक पहुंचाया गया. एक साथ पांच लोगों की मौत पर इलाके में कहराम मचा हुआ है. आपको बता दें कि ये ट्रेकर्स 10 अक्टूबर को सागर दशहरा उत्तराखंड के खरकिया से ट्रेकिंग करते हुए बागेश्वर, जतुली, देवीकुंड और नागकुंड होते हुए कनकटा दर्रे तक गए थे, लेकिन भारी बारिश और बर्फीले तूफान के कारण वे सुंदरडुंगा ग्लेशियर के पास फंस गए थे. काफी लंबे समय तक खराब मौसम के कारण उनका बचाव कार्य बार-बार बाधित हो रहा था. बाद में सुंदरडुंगा ग्लेशियर के पास पांचों के शव मिले.

यह भी पढ़ें: IPL 2022 : एमएस धोनी को कप्‍तानी से हटाने वाले ने फिर खरीदी आईपीएल टीम, कौन होगा कप्‍तान

आपको बता दें कि मंत्री सुजीत बसु और उज्जवल बसु ने कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचकर शोक व्यक्त किया. सुजीत बसु ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर आया हूं. आज यहां से 5 लोगों के शव उनके परिजनों तक पहुंचाए जाएंगे. यह बहुत दुःख की बात है. आपदा में जान गंवाने वाले राणाघाट के प्रीतम मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे. वह एक साल बाद मेडिकल की परीक्षा पास कर जाते, लेकिन मन पहाड़ों की ओर खिंचा चला गया और वह ट्रेकिंग करने गए. 10 अक्टूबर को प्रीतम बगनान के पांच दोस्तों के साथ उत्तराखंड गए थे. 11 अक्टूबर को घर फोन कर उन्होंने कहा था कि वे ठीक हैं. वे उस दिन बागेश्वर में थे. बागेश्वर में मौसम खराब होने लगा था.

यह भी पढ़ें: पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी पहुंचीं गोवा, TMC लड़ेगी 2022 में विधानसभा चुनाव

 गोपालपुर में एक ग्रामीण चिकित्सक प्रमिल कांति रॉय ने उस अंतिम दिन ही अपने बेटे से आखिरी बार बात की थी. 30 साल के तन्मय तिवारी हरिदेबपुर के नेपालगंज में रहते थे एक ग्रुप के साथ ट्रेकिंग करने गए थे. उनके साथ उनके चाचा सुखेन मांझी भी थे. तन्मय एक आईटी कर्मचारी थे. हालांकि तन्मय का शव बरामद कर लिया गया था, लेकिन उसके चाचा सुखेन मांझी का शव नहीं मिला. 

kolkata West Bengal Crime shyama prasad mukherjee Trekking in Uttarakhand Port Kolkata
Advertisment
Advertisment