सेना के शहीद जवान सुबोध घोष का पार्थिव शरीर यहां नदिया जिले में स्थित उनके आवास पर रविवार रात को लाया गया. जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास शुक्रवार को पाकिस्तान की ओर से किये गए संघर्ष विराम उल्लंघन में घोष शहीद हो गए थे. घोष 2017 में 23 वर्ष की आयु में सेना में शामिल हुए थे. पिछले साल नवंबर में उनकी शादी हुई थी और इस साल अगस्त में वह एक बेटी के पिता बने थे. घोष की पत्नी अनिंदिता ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा था कि वह हमारी तीन महीने की बेटी के अन्नप्राशन पर घर आएंगे. लेकिन अब मेरी जिंदगी में सब कुछ समाप्त हो गया है.’’ शहीद जवान की याद में गांव में दिवाली नहीं मनाई गई. गांव वालों ने ‘भारतीय सेना की जय’ के नारे लगाते हुए नम आंखों से घोष को अंतिम विदाई दी. दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर देर रात रघुनाथपुर गांव लाया गया जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
Source : Bhasha