आख़िरकार लंबे समय ये सुर्खियों में छाया बहुप्रतिक्षित पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के लिए वोट डालने का समय आ ही गया। 14 मई यानी सोमवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूरे राज्य में 58,692 सीटों में से 38605 सीटों पर मतदान होंगे।
मतदान सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा। राज्य निर्वाचन आयोग सूत्रों के अनुसार 621 जिला परिषदों, 6,157 पंचायत समितियों और 31,827 ग्राम पंचायतों में सोमवार को वोट डाले जाएंगे और 17 मई को नतीजे की घोषणा होगी। हालांकि यह नतीजे उन सीटों की ही होगी जहां पर चुनाव हो रहे हैं।
प. बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा के इतिहास को देखते हुए सभी पंचायतों में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था तैनात की गई है। यहां 46,000 प. बंगाल पुलिस और 12,000 कोलकाता पुलिस के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी लगभग 1,500 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी।
ज़ाहिर है कि चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी बीजेपी, कांग्रेस और वाम दलों के बीच जमकर हिंसा की घटनाएं हुई। पार्टी की मानें तो इस हिंसा में कई कार्यकर्ताओं की जान भी गई।
सीएम ममता बनर्जी के मुताबिक नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हुई हिंसा में 14 टीएमसी समर्थकों की जान गई। वहीं प्रदेश बीजेपी के मुताबिक इस हिंसा में कथित रुप से उनके 52 समर्थकों की जान गई।
इतना हीं नहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में ईमेल से नामांकन को स्वीकार किए जाने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया।
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कोर्ट ने इसके साथ ही चुनाव आयोग को फिलहाल उन सीटों के चुनाव परिणाम घोषित करने पर भी रोक लगा दी है, जहां तृणमूल कांग्रेस के अलावा दूसरी पार्टी की ओर से नामांकन नहीं हुआ और पार्टी के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए।
कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से इन सीटों पर 3 जुलाई तक इन नतीजों को घोषित नहीं किए जाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने साफ किया कि पंचायत चुनाव 14 मई को ही होगा। इसके साथ ही अदालत ने राज्य चुनाव आयोग और राज्य सरकार को निष्पक्ष चुनाव कराए जाने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) की याचिका में चुनौती दी गई थी।
न्यायालय ने आयोग को आगामी 14 मई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से दायर नामांकन पत्रों को स्वीकार करने के आदेश दिया था।
राज्य चुनाव आयोग ने बुधवार को हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि अगर आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे बेहद हानि होगी।
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हाई कोर्ट ने आठ मई को राज्य चुनाव आयोग को निर्धारित समय में उम्मीदवारों द्वारा दाखिल ई-नामांकन पत्रों को स्वीकार करने का निर्देश दिया था।
बता दें कि चुनाव के नतीजे भले 17 मई को आएंगे लेकिन उसके पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने एक तिहाई से ज्यादा सीटें जीत ली हैं। पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 58,692 सीटों में से 34 प्रतिशत सीटों पर चुनाव नहीं होगा।
इस तरह इन सीटों पर बगैर चुनाव लड़े टीएमसी के उम्मीदवारों का कब्जा हो गया।
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Source : News Nation Bureau