प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को जानकारी दी कि उसने पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में निलंबित टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की 48.22 करोड़ रुपए की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है. केंद्रीय एजेंसी ने 40.33 करोड़ रुपये मूल्य की 40 अचल संपत्ति और 7.89 करोड़ रुपये की शेष राशि वाले 35 बैंक खातों को कुर्क किया है. कुर्क की गई संपत्तियों में कोलकाता शहर में फ्लैट, एक फार्म हाउस, बैंक बैलेंस और प्रमुख भूमि शामिल है. जुलाई में इन दोनों को गिरफ्तार करने वाले ईडी ने बताया है कि संलग्न संपत्तियों को पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के स्वामित्व में से जुड़ा हुआ पाया गया है. ईडी ने कहा कि कुर्क की गई कई संपत्तियों को नकली कंपनियों, फर्मों और पार्थ चटर्जी के प्रॉक्सी के रूप में काम करने वाले व्यक्तियों के नाम पर रखा गया था.
गौरतलब है कि चटर्जी और मुखर्जी के ठिकानों पर ईडी की तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. दरअसल, ये कथित शिक्षक भर्ती घोटाला तब हुआ था, जब मुखर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे. बाद में उन्हें मंत्री के पद से बर्खास्त कर दिया गया था. इसके साथ ही टीएमसी ने उन्हें पार्टी भी निलंबित कर दिया था.
आपको बता दें कि ईडी ने छापेमारी के दौरान पार्थ और अर्पिता से संबंधित दो परिसरों से कुल 49.80 करोड़ रुपये और 5.08 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने और आभूषण बरामद किए थे. इन दोनों के ठिकानों पर ईडी के अफसरों ने 22 और 27 जुलाई को छापेमारी की थी. हाल ही में जब्ती के साथ मामले में कुल कुर्की अब 103.10 करोड़ रुपये हो गई है. यह जांच तब शुरू की थी, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भर्ती घोटाले में कथित अनियमितताओं की जांच करने के लिए कहा.
Source : News Nation Bureau