कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए भर्ती अनियमितताओं की जांच में एक पक्ष (पार्टी) बनने का निर्देश दिया. आदेश पारित करते हुए, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि ईडी विभिन्न सरकारी स्कूलों के लिए ग्रुप-डी कर्मचारियों की भर्ती के घोटाले के वित्तीय कोण की जांच करेगा. उन्होंने ईडी को तत्काल प्रभाव से इस मामले में अपनी जांच शुरू करने का भी निर्देश दिया.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले से ही डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा ग्रुप-डी भर्ती अनियमितताओं की जांच कर रहा है. गंगोपाध्याय ने कहा, मेरिट सूची में इतना बड़ा हेरफेर तब तक संभव नहीं है जब तक कि इसमें वित्तीय लाभ शामिल न हो.
उन्होंने यह भी कहा कि मूल ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) शीट के अनुसार उम्मीदवारों को आयोग के सर्वर पर 45 में से 43 अंक हासिल करने के रूप में दिखाया गया था. उन्होंने कहा, फिर इन दोनों अंकों को काटने की क्या जरूरत थी.
गंगोपाध्याय ने डब्ल्यूबीएसएससी को गुरुवार तक अपनी वेबसाइट पर ऐसी 100 ओएमआर शीट प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने मामले में याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि सीबीआई द्वारा बरामद की गई छेड़छाड़ की गई ओएमआर शीट की समीक्षा करें और जल्द से जल्द अदालत में एक रिपोर्ट पेश करें.
सीबीआई अगले 10 दिनों के भीतर याचिकाकर्ता के वकील को बरामद ओएमआर शीट की प्रतियां सौंपने पर सहमत हो गई है.
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Source : IANS