बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर SC में कई याचिका दायर, ये हैं मांगें

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में मारे गए BJP कार्यकर्ताओं अविजीत सरकार के भाई बिश्वजीत सरकार और और हरन अधिकारी की पत्नी स्वर्णलता अधिकारी ने याचिका दायर की है. इसके अलावा उन्होंने घटनाओं की SIT जांच की मांग भी की हैं.

author-image
Vineeta Mandal
एडिट
New Update
supreme court

बंगाल हिंसा को लेकर SC में कई याचिक दायर( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में मारे गए BJP कार्यकर्ताओं अविजीत सरकार के भाई बिश्वजीत सरकार और और हरन अधिकारी की पत्नी स्वर्णलता अधिकारी ने याचिका दायर की है. इसके अलावा उन्होंने घटनाओं की SIT जांच की मांग भी की हैं. उन्होंने कहा कि दो मई को जब चुनाव के नतीजे आ रहे थे, तभी कोलकाता में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं अभिजीत सरकार और हरन अधिकारी की हत्या कर दी गई थी. वहीं अभिजीत सरकार ने अपनी हत्या से पहले फेसबुक लाइव पर अपनी जान को खतरे की बात भी बताई थी.

पश्चिम बंगाल की 60 साल की महिला और 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने सत्ताधारी TMC के कार्यकर्ताओं पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए SC का रुख किया है. कोर्ट से CBI/SIT जांच की मांग की. महिला के मुताबिक, उसके 6 साल के पोते के सामने 4-5 मई की रात 5 TMC कार्यकर्ताओं ने रेप किया.

और पढ़ें: TMC ने I-PAC को बोर्ड में किया शामिल, PK और ममता का साथ रहेगा कायम

वहीं 17 साल की नाबालिग लडकी का कहना है कि सिर्फ परिवार के BJP के पक्ष में  राजनीतिक रुझान और अलग धार्मिक विश्वास के चलते वो सत्तारूढ़ TMC पार्टी के कार्यकर्ताओं के वहशीपन का शिकार वो बनी .उसको अगुवा कर गैंगरेप किया गया. लड़की ने भी सुप्रीम कोर्ट से CBI/SIT जांच की मांग की है.

हिंसा का शिकार कुछ लोग और अरुण मुखर्जी समेत सामाजिक कार्यकताओ की ओर से दायर अर्जी में कहा गया था कि TMC की जीत के बाद  बंगाल से  करीब 1 लाख लोगों को पलायन करना पड़ा. उनकी संपत्ति को नुकसान, महिलाओं के साथ यौन हिंसा हो रही है. राज्य में सत्ताधारी TMC के लोग लगातार विपक्ष समर्थकों पर हमले कर रहे हैं.  विपक्षी पार्टी के दफ्तरों के अलावा आम नागरिकों की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है.लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी है.उल्टे उन पर अपने साथ हुई घटनाओं की दर्ज न करवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट हिंसा की जांच के लिए SIT का गठन करे  और हिंसा पीड़ित लोगों की सहायता के लिए विशेष हेल्पलाइन बनाई जाए, जिसका नियंत्रण केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के हाथ में हो.

बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने भी SC में याचिका दायर की है. उन्होंने हिंसा की CBI जांच की मांग की है. इसके साथ ही राज्य सरकार से आरोपियों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट लेने की भी मांग की. वहीं इंडिक कलेक्टिव नाम की संस्था ने अर्जी दायर कर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग  की है. उन्होंने कहा कि  तुरंत केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को नियुक्त किया जाए और उन्हें स्थिति पर नियंत्रण के लिए कहा जाए. SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में SIT का गठन हो जो राजनीतिक हिंसा कर रहे लोगों की तुरंत गिरफ्तारी करे.उनके ऊपर विशेष अदालत में मुकदमा चलाया जाए.

देश भर के 2093 महिला वकीलों ने CJI को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा पर संज्ञान लेने का आग्रह किया है. पत्र में कहा है- पुलिस गुंडों से मिली हुई है, बच्चों, महिलाओं, कमज़ोर तबके के लोगों तक को नहीं बख्शा गया. इन मामलों की जांच के लिए SIT बने. राज्य के के अधिकारी को पीड़ितों की शिकायत रजिस्टर के लिए नोडल ऑफिसर बनाया जाए.कोर्ट की निगरानी में जांच हो. फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो. पीड़ितो को सुरक्षा मुहैया कराया जाए , पीड़ित/ परिजनों को  उचित मुआवजा दिया जाए

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं का स्टेटस

इनमें से ज्यादातर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए SC ने ममता सरकार और केंद्र सरकार से जवाब तलब कर चुका है. कुछ याचिकाएं अभी सुनवाई पर आनी बाकी है. अभी सरकार के जवाब पर कोर्ट में चर्चा होना बाकी है, आज ही कुछ देर बाद SC में सुनवाई होनी है.

HIGHLIGHTS

  • कोलकाता में बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं अभिजीत सरकार और हरन अधिकारी की हत्या कर दी गई थी
  • बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया ने भी SC में याचिका दायर की है
  • याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए SC ने ममता सरकार और केंद्र सरकार से जवाब तलब कर चुका है
BJP Supreme Court West Bengal bengal-violence tmc सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंंगाल
Advertisment
Advertisment
Advertisment