केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो जब चक्रवात ‘बुलबुल’ से प्रभावित इलाकों में स्थिति का जायजा लेने बुधवार को दक्षिण 24 परगना पहुंचे तो उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा और लोगों के एक समूह ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा. सुप्रियो ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता थे. उन्होंने मंगलवार को बताया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे पश्चिम बंगाल में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए कहा है. उनके काफिले को चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक नमखाना पहुंचने के फौरन बाद प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया और उन्हें काले झंडे दिखाए.
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह जमीनी हकीकत का जायजा लेने जिले में आए हैं लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा. सुप्रियो ने कहा, ‘मैं जानता था कि मुझे चक्रवात प्रभावित इलाकों के अपने दौरे के दौरान प्रदर्शनों का सामना करना पड़ेगा. सभी प्रदर्शनकारी टीएमसी के कार्यकर्ता थे.’
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बता दें, चक्रवात ‘बुलबुल’ बांग्लादेश की ओर बढ़ने से पहले पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में दस्तक दे चुका है. चक्रवात के प्रभाव से राज्य के विभिन्न हिस्सों में 10 लोगों की मौत हो गयी और लगभग 5 लाख परिवार प्रभावित हुए हैं.
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वहीं रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया. मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत के जरिए ममता बनर्जी को केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया. उन्होंने ट्वीट किया, 'पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बुलबुल चक्रवाती तूफान के सिलसिले में बातचीत हुई. मैं सभी की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं.' इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने चक्रवाती तूफान के कारण भारी बारिश से फसल और संपत्ति को हुए भारी नुकसान का सामना कर रहे पूर्वी भारत की स्थिति की भी समीक्षा की.