केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस साल मार्च में हुई बीरभूम हिंसा से संबंधित एक मामले में सोमवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत के समक्ष आठ आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी. आठ आरोपियों में बिकिर अली, नूर अली, श्री सर उर्फ शेर अली उर्फ कालो, आसिफ एसके, जोशीफ हुसैन, जमीरुल एसके उर्फ उजीर, खैरुल एसके और बुलू एसके उर्फ डोलर शामिल हैं. सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद 22 आरोपियों के खिलाफ 22 मार्च की घटना से संबंधित मामला केवल तीन दिन बाद दर्ज किया था.
बरशाल ग्राम पंचायत (ग्राम परिषद) के उपप्रधान (उप नेता) भादू शेख की मौत के बाद बोगतुई गांव में हिंसा हुई थी, 21 मार्च को उन पर पुरुषों के एक समूह द्वारा हमला किया गया था, जिन्होंने उन पर घर का बना बम फेंका था. उन्हें एक स्थानीय स्वास्थ्य क्लिनिक और बाद में रामपुरहाट अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. शेख के प्रशंसकों और सहयोगियों ने बोगतुई में प्रतिद्वंद्वी समूहों के घरों में तोड़फोड़ की और उनमें आग लगा दी, जिससे सात लोगों की झुलसकर मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से झुलस गए.
चार घायलों में से तीन की इलाज के दौरान मौत हो गई. सीबीआई ने पूर्व में 20 जून को सक्षम न्यायालय के समक्ष तत्कालीन ब्लॉक अध्यक्ष सहित 16 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट की अदालत में कानून के साथ संघर्ष में दो बच्चों (सीसीएल) के खिलाफ एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत की थी.
आगे की जांच के दौरान, आठ अन्य का नाम प्राथमिकी में नहीं था. उन्हें 22 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही यह पाया गया कि अभियुक्तों ने अन्य लोगों के साथ बोगतुई नरसंहार की घटना में भाग लिया था.
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Source : IANS