पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बैठक के दौरान कहा कि गरीब लोग याद रखें कि मैं आप सबके लिए हूं, उकसावे में शामिल न हों. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने चक्रवात यास पर समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि मैंने (चक्रवात यास प्रभावित) दीघा का दौरा किया है, यहां मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय की जिम्मेदारी है. मछुआरों के मुआवजे के बारे में सोचा जाना चाहिए. बता दें कि बैठक में मुख्य सचिव थे, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बैठक के दौरान कहा,COVID कोविड मामलों की दैनिक संख्या घटकर 11,000 हो गई है. दैनिक सकारात्मकता दर घटकर 18 -19% हो गई. मृत्यु दर 0.56% है, जो पहली लहर से कम है, और डिस्चार्ज दर 91% है.
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यास चक्रवात (Cyclone Yass) पर समीक्षा बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, हमें चक्रवात के लिए कोई राहत पैकेज नहीं मिला और न ही हमने इसके लिए कहा. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चक्रवाती तूफान यास से प्रभावित राज्य पश्चिम बंगाल का दौरा करने के बाद एक समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके करीबी माने जाने वाले मुख्य सचिव अलापन बंद्दोपाध्याय करीब आधे घंटे देर से पहुंचे थे और थोड़ी देर रुकने के बाद वहां से निकल गए थे. इसे सर्विस रूल्स के खिलाफ माना जा रहा है. अब मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की है कि शायद इसी बात को मुद्दा बनाते हुए केंद्र ने मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया है.
मुख्यमंत्री का कहना है कि उस समयावधि में उन्हें कई कार्यक्रमों में भाग लेना था, इसलिए इसका राजनीतिक ढंग से कोई मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री को लिखे गए पांच पन्नों के पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है, "एकतरफा आदेश में किसी विवरण या कारण का जिक्र नहीं है कि क्यों पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आईएएस अलावन बंद्योपाध्याय को दिल्ली बुलाया गया है? क्या इसका 28 मई, 2021 को कलाईकुंडा में हमारी बैठक से कुछ लेना-देना है?"
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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह वास्तव में हैरान हैं क्योंकि जब कुछ दिन पहले 24 मई 2021 को मुख्य सचिव के कार्यकाल को बढ़ाने की अनुमति केंद्र-राज्य सरकार के परामर्श से दी गई थी, तो अब अचानक से फैसला क्यों बदला गया है. अपने पत्र में वह आगे लिखती हैं, "मैं उम्मीद करती हूं कि आपका यह नया आदेश कलाईकुंडा में आपके साथ हुई मेरी बैठक से संबंधित नहीं है . अगर वाकई में ऐसा है, तो यह बेहद दुख की बात है कि गलत बातों को प्राथमिकता देकर जनहित का बलिदान किया जा रहा है."