पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा में मरने वालों के परिवार वालों को बिना किसी भेदभाव के 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान सीएम ममता बनर्जी ने किया. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग (EC) द्वारा कानून और व्यवस्था के तहत 16 मारे गए, जिनमें से आधे टीएमसी के और आधे बीजेपी के थे, एक संयुक्ता मोर्चा का था. वहीं, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया कि वे संबंधित मंत्रालय को योग्य किसानों (पीएम-किसान योजना के तहत) के लिए नियत फंड जारी करने की सलाह दें और 21.79 लाख किसानों के डेटाबेस को साझा करें.
यह भी पढ़ें : सीएम अरविंद केजरीवाल बोले- एक दिन 700 टन ऑक्सीजन आने से काम नहीं चलेगा, बल्कि...
बता दें कि पश्चिम बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालने के कुछ ही घंटों के अंदर ममता बनर्जी ने बुधवार को 29 शीर्ष पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया. इनमें से अधिकतर को विधानसभा चुनावों से पहले निर्वाचन आयोग ने तैनात किया था. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने निर्वाचन आयोग की तरफ से हटाए गए अपने विश्वस्त अधिकारियों को दोबारा तैनात करते हुए कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक देबाशीष धर को निलंबित कर दिया.
यह भी पढ़ें :कोरोना संकट पर PM मोदी की समीक्षा बैठक, टीकाकरण एवं दवा पर दिया निर्देश
कूचबिहार के सीतलकूची क्षेत्र में ही 10 अप्रैल को एक मतदान बूथ पर हमला रोकने के लिए सीआईएसएफ जवानों की फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना की सीआईडी जांच का आदेश ममता पहले ही दे चुकी हैं. धर की जगह के. कनन को तैनात किया गया है, जिन्हें चुनावों में निर्वाचन आयोग ने अनिवार्य वेटिंग पर भेज दिया था. ममता की तरफ से वापस बुलाए गए आईपीएस अधिकारियों में सबसे अहम नाम पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र, एडीजी कानून-व्यवस्था जावेद शमीम और महानिदेशक सुरक्षा विवेक सहाय का है.
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, मीडिया के खिलाफ शिकायत करना बंद करें
HIGHLIGHTS
- पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा में कई लोगों की मौत
- हिंसा में मरने वालों के परिवार वालों को मिलेगा मुआवजा
- ममता बनर्जी ने किया, 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान