West Bengal: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में गुरुवार को कुदरत का कहर देखने को मिला. दरअसल, मालदा में अलग-अलग स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई. जबकि इस प्राकृतिक घटना में दो लोग झुलस गए हैं. घटना के बारे में पुलिस ने जानकारी दी. पुलिस के मुताबिक, मरने वालों में मणिचक थाना क्षेत्र के दो नाबालिग और माला थाना क्षेत्र के साहापुर के रहने वाले तीन बच्चों के नाम भी शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि दो अन्य लोग गजोल थाना क्षेत्र के अदीना और रतुआ थाना क्षेत्र के बालूपुर में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मारे गए.
पुलिस ने बताया कि वहीं हरीशचंद्रपुर के एक खेत में काम कर रहे दंपति की भी आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि आकाशीय बिजले की चपेट में आकर जान गंवाने वाले अन्य लोग इंग्लिशबाजार और मणिचक थाना इलाके के रहने वाले थे. पुलिस ने शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए मालदा मेडिकल कॉलेज भेज दिया है.
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आसमान में क्यों चमकती है बिजली
बरसात के दिनों में अक्सर आसमान में बिजली चमकने की घटनाएं होती हैं, इस दौरान कई बार आकाशीय बिजली जमीन पर भी गिर जाती है. इसकी चपेट में आने वाला हर जीव मत जाता है. साल 1872 में वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन ने पहली बार बादलों के बीच बिजली चमकने की घटना को सही माना था. उन्होंने कहा था कि बादलों में पानी के छोट-छोटे कण होते हैं, जो वायु की रगड़ की वजह से आवेशित होने लगते हैं. इनमें कुछ बादलों पर पॉजिटिव चार्ज हो तो कुछ पर निगेटिव चार्ज बनता है.
जब आसमान में दोनों तरह के चार्ज वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं. तब लाखों वोल्ट की बिजली उत्पन्न होती है. कई बार इसकी तीव्रता अधिक होने की वजह से ये जमीन पर गिर जाती है.
आकाशीय बिजली से बचने के उपाय
आकाशीय बिजली से बचने के लिए सबसे पहली कोशिश ये की जा सकती है, जब भी आसमान में बादल घिरें तो किसी घर या ऐसे स्थान पर खड़े हो जाएंग जो मजबूत हो. इस दौरान पेड़ और बिजली के खंभों के पास खड़ा नहीं होना चाहिए. क्योंकि सबसे पहले बिजली पेड़ों और बिजली के पोल पर ही गिरती है. ऐसे में आपकी जान खतरे में पड़ सकती है.
Source : News Nation Bureau