Fake Almonds: देश में इस समय त्योहारी सीजन चालू है. दशहरा के बाद अब दिवाली आने को है. क्योंकि दिवाली भारत में सबसे बड़े त्योहार के रूप में मनाया जाता है. इस त्योहार पर लोग न केवल एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाते हैं, बल्कि गिफ्ट का भी आदान-प्रदान करते हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों तक दिवाली पर लोग एक-दूसरे को मिठाई गिफ्ट करते थे, लेकिन दूध और खोया जैसे खाने की चीजों में मिलावट के कारण लोगों ने मिठाइयों से दूरी बना ली है और ड्राई फ्रूट्स को तरजीह देना शुरू कर दिया है. लोग अब मिठाई के स्थान पर ड्राई फ्रूट्स के डिब्बे एक-दूसरे को देकर खुशियां बांटते हैं. लेकिन क्या हो जब काजू-बादाम भी नकली हों.
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दिवाली पर धड़ल्ले से बिक रहे नकली बादाम
दरअसल, काजू-बादाम बेहतर पौष्टिक और लाभदायक होते हैं. लेकिन नकली बादाम न केवल जहरीले होते हैं, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी काफी नुकसानदेह होते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार कारोबारी बादाम का रंग और चमक बढ़ाने के लिए जहरीले और हानिकारक रसायनों (हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ब्लीचिंग) का इस्तेमाल करते हैं. इन रसायनों के कारण इंसान की हेल्थ को गंभीर खतरा हो सकता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि नकली और मिलावटी बादाम सेहत के लिए कैसे खतरनाक साबित हो सकते हैं और इनकी पहचान कैसे की जा सकती है.
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ऐसे करें असली-नकली बादाम की पहचान
असल में त्योहारी सीजन के समय बादाम समेत दूसरे ड्राई फ्रूट्स की डिमांड काफी बढ़ जाती है. ऐसे में कारोबारी ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए बादाम में मिलावट करते हैं. बादाम के ज्यादा चमकदार और आकर्षक बनाने के लिए हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में हाइड्रोजन पेराक्साइड और ब्लीचिंग एजेंट ऐसे रसायन हैं, जिनके सेवन से आपकी पेट संबंधी रोग, एलर्जी समेत कई गंभीर बीमारियों का शिकार होना पड़ सकता है. ऐसे में बेहतर होगा कि आप बादाम के सेवन से पहले इसके असली-नकली की पहचान कर लें. इसके लिए आप एक कटोरी में बादम लें और उनको पानी में भिगो कर रख दें. अगले दिन पानी से निकालकर बादाम का छिलका निकाल दें. असली बादाम की छिलका आसानी से उतर जाएगा, जिसके नीचे सफेद बादाम दिखाई देगा. इसके बाद पानी के रंग की जांच करें. अगर पानी साफ तो बादाम असली है और यदिन पानी का रंग बदल जाता है तो समझो बादाम में रसायन का इस्तेमाल किया गया है.