Alert: अगर आप भी मकान किराए पर देने की सोच रहे हैं या इस व्यापार में हाथ आजमान चाहते हैं तो रुक जाएं. क्योंकि हाल ही में पेश हुए बजट में वित्त मंत्री ने किराए पर मकान देने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. जिसे सुनकर किराए पर मकान देने का ख्याल मन से निकल सकता है. हालांकि सरकार उन मकान मालिकों के लिए नया नियम लेकर आई है, जो टैक्स बचाने का काम करते हैं. यदि आप ठीक से टैक्स पे कर रहे हैं तो आपके लिए कोई भी परेशानी की बात नहीं है. आइये जानते हैं इस नए नियम के बारे में, जिसने मकान मालिकों की नींद हराम कर दी है...
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टैक्स चोरी पर लगेगी लगाम
दरअसल, आम बजट में मोदी सरकार किराए पर मकान देने वालों के लिए बड़ा अपडेट लेकर आई है. सरकार ने मकान मालिकों द्वारा की जा रही टैक्स चोरी पर रोक लगाने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है. नियमों में बदलाव के बाद मकान के किराए से आये पैसे पर टैक्स देना अनिवार्य कर दिया गया है. किसी भी कीमत पर आप मकान किराए पर उठाते हैं तो उसका टैक्स भी भरना होगा. नई नियमावली के अनुसार मकान मालिकों को अब किराए पर दिए मकान से होने वाली आमदनी को इनकम फ्रॉफ हाउस प्रोपर्टी के तौर पर दिखाना होगा. दरअसल, इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी का मतलब ऐसी कमाई से है, किसी भी शख्स को अपनी होम प्रोपर्टी से हुई आय पर कर देना.
मकान से होने वाली आमदनी पर देना होगा टैक्स
आसान भाषा में समझें तो नए नियमों के मुताबिक अब किराए पर दिए मकान से होने वाली आमदनी पर टैक्स लगेगा. आपको बता दें कि जुलाई में पेश हुए बजट सत्र में इसका उल्लेख स्वयं वित्त मंत्री ने किया है. बहुत जल्द इसे लागू भी किया जा रहा है. यानि मकान मालिकों को मकान का किराया वाया अकाउंट लेना होगा. यदि वह कैश में लेता है तो उसकी जानकारी आईटीआर भरते वक्त देनी होगी. यदि आप इसके बावजूद भी टैक्स चोरी करते हैं तो संबंधित मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है...
जनवरी 2025 से लागू होगा नया नियम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह नियम एक अप्रैल 2025 से लागू माना जाएगा. हालांकि इनकम फ्रॉम हाउस प्रोपर्टी के तहत मकान मालिकों को कुछ छूट देने का भी प्रावधान किया गया है. अब वो प्रोपर्टी की नेट वैल्यू का 30 प्रतिशत टैक्स सेव कर सकेंगे. यह टैक्स डिडक्शन के तहत आता है. इसका मतलब यह है कि सरकार आपको कई तरह के व्यय पर छूट देती है.