उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़िए का आतंक फैला हुआ है. गांव के लोगों पर और बच्चों पर भेड़ियां हमला कर रहा है. वहीं कुछ दिनों से राजस्थान में तेंदुए का आतंक है. तेंदुआ अब तक आठ लोगों को मार चुका है. जुलाई से अब तक भेड़िए ने उत्तर प्रदेश में 11 लोगों को मार डाला है.
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वैसे तो प्राकृतिक आपदा में अगर किसी की मौत होती है तो सरकार लोगों को मुआवजा देती है. पर अगर भेड़िया या फिर तेंदुआ किसी पर हमला कर देता है और उसकी मौत हो जाती है तो क्या सरकार उसे भी मुआवजा देती है. इस बारे में क्या नियम है. आइये आपको बताते हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार देती है 5 लाख मुआवजा राशि
उत्तर प्रदेश में किसी जंगली जानवर ने अगर किसी पर हमला किया और उसकी मौत हो गई तो सरकार उस व्यक्ति को पांच लाख रुपये देती है. हालांकि, ध्यान देने वाली बात है सरकार ने जंगली जानवरों की एक सूची तैयार है कि और उन्हीं सूची के जानवरों को जंगली माना जाता है.
अगर जंगली जानवर के हमले में कोई व्यक्ति स्थाई रूप से दिव्यांग हो जाता है तो सरकार उसे चार लाख रुपये देती है. वहीं जब कोई व्यक्ति आशंकि रूप से घायल होता है तो सरकार उसे एक लाख रुपये मुआवजा देती है. वहीं, जंगली जानवर के हमले में घायल होने पर भी उत्तर प्रदेश सरकार एक लाख रुपये की मदद देती है. अगर किसी जानवर ने हमला किया और वह सूची में शामिल नहीं है तो क्या होगा….सरकार ऐसे लोगों को मुआवजा नहीं देगी.
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हर राज्य में अलग-अलग मुआवजा राशि
जंगली जानवर के हमले से मरने के बाद मिलने वाली मुआवजा राशि हर राज्य में अलग-अलग है. जैसे बिहार सरकार मृतक को 10 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देती है. वहीं, गंभीर रूप से घायल होने पर बिहार सरकार 1.44 लाख रुपये देती है. वहीं, किसी को हल्की चोट आई है तो उसे 24 हजार रुपये दिए जाते हैं. उत्तराखंड सरकार मृतक को 6 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देती है.
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