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Big Decision : सरकार ने मकान मालिकों के पक्ष में कर दिया बड़ा फैसला, अब कब्जा नहीं कर पाएंगे किराएदार, नियमों में हुआ बदलाव

Big Decision : मकान को किराए पर देना अब बड़ा व्यापार बनकर उभर रहा है. बड़े शहरों में तो स्थानीय निवासी इसी से अपनी न सिर्फ जीविका चला रहे हैं. बल्कि अपनी संपत्ति को बढ़ा भी रहे हैं. लेकिन कहीं न कहीं मकान मालिक के मन में एक डर हमेशा से रहता है कि कहीं किराएदार उसके मकान पर कब्जा न कर लें.

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Sunder Singh
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Big Decision : मकान को किराए पर देना अब बड़ा व्यापार बनकर उभर रहा है. बड़े शहरों में तो स्थानीय निवासी इसी से अपनी न सिर्फ जीविका चला रहे हैं. बल्कि अपनी संपत्ति को बढ़ा भी  रहे हैं. लेकिन कहीं न कहीं मकान मालिक के मन में एक डर हमेशा से रहता है कि कहीं किराएदार उसके मकान पर कब्जा न कर लें. क्योंकि आए दिन मकान कब्जाने के मामले आते रहते हैं. आपको बता दें कि सिर्फ मकान ही नहीं बल्कि लोग खाली पड़ी जमीन पर भी कब्जा कर लेते हैं. लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है.  सरकार ने मकान मालिकों को एक बड़ा हथियार दिया है. जिसमें मकान मालिक न सिर्फ कब्जाधारी से झगड़े बल्कि इस तरह से अपनी संपत्ति की सुरक्षा कर सकते हैं.

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संपत्ति पर अवैध कब्जा होने पर क्या करें

अगर आपकी लैंड या प्रॉपर्टी पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया है, तो सबसे पहले संबंधित अधिकारियों से इसकी शिकायत करें. साथ ही संबंधित थाने में शिकायत करें. इसके बाद भी यदि सुनवाई नहीं हो रही तो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ तहत मामला दर्ज करा सकता है. कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद अदालत अतिक्रमण पर रोक लगा सकती है, साथ ही मुआवजे का भुगतान करने का आदेश भी दे सकती है. क्योंकि अब मकान या जमीन पर अवैध कब्जे को गंभीर अपराध में शामिल कर लिया गया है. इसलिए बिना किसी विलंब के संबंधि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

ये भी जानें 

भूमि अतिक्रमण के मामले में मुआवजा की रकम कोर्ट जमीन की कीमत के आधार पर तय करती है. यदि अवैध कब्जे के दौरान आपकी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाया है तो फरियादी हर्जाने के लिए ऑर्डर 39 के नियम 1,2 और 3 के तहत दावा कर सकता है. भूमि अतिक्रमण (Land Encroachment) की समस्या को आपसी सहमति से भी खत्म किया जा सकता है. इनमें मध्यस्थता, जमीन का विभाजन, संपत्ति बेचना और किराए पर दे देना जैसे विकल्प शामिल हैं.

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