Big News: उत्तर प्रदेश महिला आयोग छेड़खानी और महिलाओं के साथ हो रहे शोषण को लेकर गंभीर हो गया है. साथ ही पांच सूत्रीय प्रस्ताव सरकार को भी सौंप दिया है.. यदि सरकार इस फैसले पर मुहर लगा देती है तो कई तरह के व्यापारों पर खतरे की घंटी बज सकती है. क्योंकि आयोग ने जो प्रस्ताव बनाकर भेजा है कि महिलाओं को पुरूष योग टीचर योग नहीं करा सकेंगे. इसके अलावा दर्जीयों पर भी महिलाओं की नाप लेने पर पाबंदी लगाई गई है. इसके अलावा भी कई अन्य काम हैं जो महिलाओं की सुरक्षा में रोड़ा बनते हैं उन पर रोक लगाने के लिए कहा है.. अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है सभी नियमों को फॅालो करना जरूरी होगा. क्योंकि योगी सरकार कड़े फैसलों के लिए जानी जाती है.
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क्या है आयोग का प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश महिला आयोग का मानना है कि प्रदेश में महिलाओं की नाप लेने के लिए महिला टेरल होना जरूरी है. यही नहीं जिम और योग सेंटर में महिला ट्रेनर जरूर होनी चाहिए. वहीं सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर भी होना चाहिए. स्कूल बस में या तो महिला टीचर हो या फिर महिला सुरक्षा कर्मी. कोचिंग सेंटर में भी सीसीटीवी और महिलाओं के लिए शौचालय होना चाहिए. क्योंकि इन सभी कामों से महिलाओं के साथ शोषण होने का खतरा बनता है. फिलहाल आयोग ने प्रस्ताव बनाकर योगी सरकार के पास भेजा है. अब उस पर चर्चा होगी. जिसके बाद फैसले पर अंतिम मुहर लगेगी. अभी तक सिर्फ प्रस्ताव ही भेजा गया है.
विगत माह हुई थी बैठक
आपको बता दें कि महिला आयोग के इन प्रस्तावों पर विगत माह बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में महिला आयोग की अध्यक्ष और अन्य सदस्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा पर चर्चा और विचार-विमर्श किया. रिपोर्ट के मुताबिक महिला आयोग के इन प्रस्तावों की व्यवहार्यता पर अभी फैसला किया जाना है. जब ये प्रस्ताव स्वीकृत हो जाएंगे फिर इन्हें सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. हालांकि आधिकारिक तौर अभी तक कोई बयान प्रस्तावों को लेकर नहीं आया है. लेकिन महिला आयोग के अधिकारी बता रहे हैं कि चर्चा के बाद फैसला लागू किया जाना तय माना जा रहा है.
जल्द होगी कैबिनेट की बैठक
महिला आयोग द्वारा जो पांच सूत्रीय प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया है. उस पर जल्द ही चर्चा होने की बात कही गई है. हालांकि अभी सरकार की और से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी माना जा रहा है कि आयोग सभी मांगों को मान लिया जाएगा. साथ ही इन सभी कामों के लिए महिलाओं को ही जिम्मेदारी सौंपी जाएंगी.