NRC : एनआरसी यानि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर देश में काफी दिनों से चर्चा का विषय है. बताया जा रहा है कि हाल ही में बीजेपी शासित राज्य ने बिना एनआरसी रसीद के आधार कार्ड देने पर पाबंदी लगाई थी. असम राज्य के मुख्यमंत्री ने घोषणा थी कि बिना एनआरसी रसीद के किसी को भी आधार कार्ड नहीं दिया जाएगा. यानि नए आधार कार्ड बनाने के लिए अब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का होना जरूरी है. सूत्रों का दावा है कि अब देश के सबसे बड़े राज्य में भी ये घोषणा होने वाली है. हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया गया है. लेकिन सूत्रों का मानना है कि असम की तर्ज पर ही यहां भी आधार कार्ड लेने के लिए एनआरसी रसीद दिखाना जरूरी होगा.
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असम में नहीं मिलता आधार
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कुछ माह पहले ही बड़ा ऐलान कर दिया था. जिसका राज्य में विरोध भी काफी हो रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के तुरंत बाद ही प्रशासनिक अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि जिसके पास एनआरसी नंबर नहीं है उनका आधार कार्ड नहीं बनाया जाएगा. हालांकि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार अक्तूबर से आदेश को लागू भी कर दिया गया है. हालांकि कुछ अधिकारी दबी जुबान से बोल रहे हैं कि आदेश का कई स्थानों पर विरोध भी है देखने को मिल रहा है.
ये है उद्देश्य
इसके पीछे असम सरकार का उद्देश्य है कि इस आदेश से राज्य में विदेशियों की आमद रुक जाएगी. यही नहीं आधार कार्ड के लिए आए आवेदन जनसंख्या से बहुत अधिक हैं, जो दर्शाता है कि राज्य में संदिग्ध नागरिक हैं. इसलिए ही मुख्यमंत्री ने आदेश को सख्ती से लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित भी किया है. जानकारी के मुताबिक कोई भी नागरिक यदि आधार कार्ड बनवाना चाहता है तो वह तभी उसके लिए प्रोसेस कर पाएगा. जब एनआरसी रसीद व उसकी हार्ड कॅापी जमा करा देगा. हालांकि इसमें कुछ टर्म एंड कंडीशन भी रखी गई हैं.
असम में अब आसानी से नहीं बनेगा आधार कार्ड
हिमंत बिस्वा सरमा के मुताबिक, "असम में आधार कार्ड हासिल करना अब आसान नहीं होगा. उम्मीद है कि अन्य राज्य भी आधार कार्ड जारी करने के लिए सख्त होंगे. एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) जमा करना उन 9.55 लाख लोगों पर लागू नहीं होगा, जिनके बायोमेट्रिक्स एनआरसी प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे,, उन्होने कहा कि इस साल आबादी से ज्यादा आधार कार्ड के लिए आवेदन आए हैं. इन चार जिलों में बारपेटा में 103.74 फीसदी, धुबरी में 103 फीसदी, मोरीगांव और नागांव दोनों में 101 फीसदी आवेदन हैं. जिससे संदेह होता है कि राज्य में विदेशियों की आमद बढ़ी है.