Big news: केन्द्र सरकार के साथ राज्य सरकारें भी अपने यहां हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाओं का संचालन करती हैं. यहां बात हो रही है ऐसे बेरोजगार नवयुवकों की जो पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी बेरोजगार हैं. ऐसे लोगों के लिए सरकार ने बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है. स्कीम के तहत पात्र युवकों को 2500 रुपए प्रतिमाह आर्थिक मदद दी जाएगी. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य बेरोजगार युवकों को आत्मनिर्भर बनाना है. साथ ही उन्हें समाज में हीन भावना से न देखा जाए. इसलिए उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी बनी रहेगी. हालांकि योजना पुरानी है, लेकिन जानकारी के अभाव में दम तोड़ती नजर आ रही है. आइये जानते हैं योजना की ज्यादा बातें....
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ये है पात्रता
बेरोजगारी भत्ता योजना में आवेदन करने के लिए 18 साल से लेकर 35 साल उम्र निर्धारित की गई है. साथ ही इन युवाओं के पास कम से कम दसवीं या 12वीं क्लास पास की मार्कशीट होना अनिवार्य है. साथ ही घर में कोई भी अच्ची नौकरी पर नहीं होना चाहिए. साथ ही जिस घर में दस हजार से ज्यादा रुपए की पेंशन आ रही है. ऐसे युवा भी इस योजना में आवेदन नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा लाभार्थी को किसी भी सूरत में टैक्सपेयर्स नहीं होना चाहिए. साथ ही उसके घर से पूर्व और वर्तमान मंत्रीं, विधानसभा सदस्य, महापौर, नगरीय निकाय, जिला पंचायत अध्यक्ष के परिवारों के लोग भी इस स्कीम में आवेदन नहीं कर सकते.
पढ़े-लिखे होने के बावजूद बेरोजगार
दरअसल, कई बार अच्छी डिग्री होने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिलती है. ऐसे युवा डिप्रेशन की ओर चले जाते हैं. इन युवाओं को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार ने बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरूआत की थी. ताकि युवाओं को इसका लाभ मिल सके. आज लाखों युवा इसका लाभ भी ले रहे हैं.. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बेरोजगारी भत्ता शुरू किया है. जिसके तहत बेरोजगार युवाओं को सरकार हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता देती है.
ये दस्तावेज होना जरूरी
यदि आप उक्त सभी पात्रताओं को पूरा करते हैं तो रोजगार पंजीयन कार्ड, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, आय प्रमाण पत्र, मूल निवासी प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइट फोटो लेकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.