पिछले कुछ वर्षों से दुनिया में डिजिटाइजेशन को बढ़ावा मिल रहा है. अधिकांश चीजें अब ऑनलाइन हो गई हैं. जैसे- शॉपिंग करना हो, खाना मंगाना, ट्रैवल के लिए कैब बुक करना हो या फिर ऐसी ठीक करने के लिए टेक्नीशियन बुलाना हो. आप अब इन सभी कामों को ऑनलाइन कर सकते हैं. यानी ये सभी काम चुटकियों में हो जाते.
एक ओर डिजिटाइजेशन ने जहां लोगें की जिंदगी आसान बनाई है, वहीं, साइबर ठगों की भी मौज बढ़ गई है. पिछले कुछ वक्तों से साइबर ठगी की घटनाओं में बड़ा इजाफा हुआ है. अब तो लोग सिम के साथ भी फ्रॉड की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. ऐसे जालसाजों से बचने के लिए आपको बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है.
सिम कार्ड हैक करके ठगी
साइबर ठगी पिछले कुछ अरसे से बहुत बढ़ गई है. साइबर ठग फ्रॉड करने के अलग-अलग तरीके ढूंढ रहे हैं. लोगों के साथ स्कैम करने के लिए ठगों ने नया तरीका खोजा है. इस नए तरीके से वे सिम कार्ड से ठगी को अंजाम दे रहे हैं. लोगों के सिम कार्ड को हैक करके ठग उनके फोन पर अपना कब्जा कर लेते हैं. उसके बाद उनके फोन में मौजूद तमाम जानकारी उन तक पहुंच जाती है.
इस तरह करते हैं हैकिंग
साइबर ठग पहले लोगों को उनके नंबर पर मैसेज भेजते हैं, उसमें एक लिंक होता है. मैसेज में लोगों को लुभाने वाले ऑफर्स होते हैं. लोग ठगों के शिकार हो जाते हैं. लिंक पर क्लिक कर देते हैं और फोन में स्पाइवेयर इंस्टॉल हो जाता है. फोन की सभी जानकारियां हैकर्स को मिल जाती है. वे आपकी फोटो, आपके पासवार्ड, आपके बैंक अकाउंट डिटेल्स और सभी चीजों पर नियंत्रण कर लेते हैं.
ठगों से ऐसे बच सकते हैं
साइबर ठगी से खुद को बचाने के लिए आपको हमेशा समझदारी दिखानी होती है. आपके फोन में अगर किसी भी अननोन नंबर से किसी भी प्रकार का कोई लिंक आता है तो भूलकर भी उस पर क्लिक न करें. क्योंकि, न तो कभी बैंक आपको ऐसा मैसेज भेजते हैं और न ही कोई अन्य विभाग. इसलिए आपको संभल कर रहना होगा.