2019 में भाईदूज के अवसर पर दिल्ली सरकार ने बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त सफर की योजना शुरू की थी. योजना को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला. भाईदूज 2019 से लेकर अब तक 150 करोड़ से अधिक महिलाओं ने डीटीसी और क्लस्टर बसों में मुफ्त यात्रा कर लिया है. योजना के बाद से महिलाओं के सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है. योजना के बाद से 25 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने बस से सफर किया. 15 फीसदी नई महिला यात्री भी योजना शुरू होने के बाद से बढ़ी हैं, जो अब नियमित रूप से बस में सफर कर रही है.
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को एक्स पर इस जानकारी को शेयर किया. जानकारी शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि हर माह लाखों महिलाएं पिंक टिकट का लाभ लेकर बस में मुफ्त सफर कर रही हैं. महिलाओं की बचत अब उनके परिवार की जरुरतों का सहारा बन रही हैं. एक बेटे और एक भाई के रूप में मेरा सपना था कि हर बेटी और हर बहन आत्मनिर्भर बने, जिससे वे अपने हर सपनों को पूरा कर सकें. केजरीवाल ने आगे कहा कि मुझे जानकर अच्छा लगा कि दिल्ली की बसों में अब तक 150 करोड़ से अधिक पिंक टिकट बांटे जा चुके हैं. हर माह लाखों महिलाओं को इस फ्री सफर की सहूलियत मिल रही है.
50 फीसद महिलाएं बचत को इमरजेंसी फंड के रूप में रखती हैं
योजना को पांच साल पूरे हो गए हैं. मामले में आप नेता रीना गुप्ता ने बताया कि योजना लाखों महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आई है. महिलाओं को इस वजह से सार्वजिनक परिवहन पहले से अधिक सुरक्षित और सुलभ लगता है. पांच वर्षों में बसों में महिलाओं की संख्या में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है. पिंक टिकट की वजह से हई बचत को 54 फीसद महिलाएं घर के खर्चों में शामिल करती हैं. वहीं, 50 फीसद महिलाएं बचत को आपातलाकीन फंड के रूप में सुरक्षित रखती हैं.
दिल्ली सरकार वहन करती है खर्च
योजना के तहत जितने पिंक टिकट बिकते हैं, उस हिसाब से सफर का खर्च दिल्ली सरकार वहन करती है. पिंक टिकटों के आधार पर ही डीटीसी और बस ऑपरेटरों को भुगतान किया जाता है. बता दें, यह योजना पूरे रूप से स्वैच्छिक है. महिलाएं सामान्य टिकट लेकर भी यात्राएं कर सकती हैं.