दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है. हालात ऐसे हैं कि प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है. प्रदूषण का स्तर कितना बढ़ गया है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता यानी कि एक्यूआई 400 के पार पहुंच चुकी है. हवा की लगातार खराब होती गुणवत्ता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 15 नवंबर यानी शुक्रवार से ही दिल्ली एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने का फैसला किया है
यह खबर भी पढ़ें- FREE में मिल रहा 100 गज का प्लॉट, सरकार के ऐलान से लोगों में भारी खुशी का माहौल
इन गाड़ियों पर लगा बैन
दिल्ली सरकार ने स्कूलों को प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को ऑनलाइन क्लास देने को कहा है. इसके साथ ही GRAP की शर्तें लागू होने के बाद दिल्ली में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है. दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी गंभीर श्रेणी में रही, जिसके कारण अधिकारियों को प्रदूषण रोधी कड़े कदम उठाने पड़े और शुक्रवार से ग्रैब थ्री लागू कर दिया गया है. अब जानिए कि ग्रैब थ्री लागू होने के बाद किन चीजों पर पाबंदियां लगी हैं. ग्रैब के तीसरे चरण के तहत एनसीआर राज्यों से सभी अंतरराज्यीय बसों यानी कि इलेक्ट्रिक सीएनजी और बीएस डीजल वाहनों को छोड़कर अन्य बसें दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएंगी. दिल्ली एनसीआर में अब निर्माण और विध्वंसक गतिविधियों पर पूरी तरह से सख्त प्रतिबंध लग गया है.
यह खबर भी पढ़ें- Bad News: सरकार ने जारी की पीएम किसान योजना की लिस्ट, एक झटके में हटा दिए इन लोगों के नाम...करें चेक
सरकार ने इन गतिविधियों पर भी लगाए प्रतिबंध
अब खनन संबंधी गतिविधियों पर अगले आदेश तक रोक है. कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं पर विचार किया जा सकता है. दिल्ली के प्रमुख सड़कों पर शुक्रवार से रोजाना पानी का छिड़काव किया जाएगा. ग्रैब के तीसरे चरण के तहत दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिलों में बीएस3 पेट्रोल और बीएस4 डीजल वाहनों के चलने पर प्रतिबंध रहेगा. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सड़कों की मशीन से सफाई बढ़ाने का आदेश दिया है. हॉटस्पॉट क्षेत्रों में सड़कों पर पानी के छिड़काव को बढ़ाने की बात कही गई है. खासकर पीक ट्रैफिक के वक्त पानी के छिड़काव पर खास ध्यान देने के लिए कहा गया है.