EPFO News: बिना किस्त भरे EPFO मेंबर्स के लिए 7 लाख तक का Free बीमा, पढ़ें खबर

EPFO Update: अगर किसी कारणवश ईपीएफओ सदस्य की मौत हो जाए तो उसका उत्तराधिकारी या नॉमिनी इस बीमा रकम के लिए क्लेम कर सकता है. हालांकि 7 लाख का क्लेम अमाउंट सभी को नहीं दिया जाता

author-image
Mohit Sharma
New Update
EPFO News

EPFO News

Advertisment

EPFO Update: अगर आप नौकरी पेशा हैं और ईपीएफओ में हर महीने योगदान देते हैं तो आपको जानकारी होनी चाहिए कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा एपीएफओ मेंबर्स को 7 लाख तक का फ्री बीमा दिया जाता है. इस इंश्योरेंस स्कीम को एंप्लॉई डिपॉजिट लिंकड इंश्योरेंस यानी कि ईडीएल आई के नाम से जाना जाता है. यह स्कीम कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सुरक्षा देने के लिए चलाई जाती है.

यह खबर भी पढ़ें-  Good News: अब केवल 7 रुपए में जिंदगीभर 60 हजार रुपए की पेंशन, इस धांसू स्कीम के दीवाने हुए लोग

ईपीएफओ सदस्य की मौत

बता दें कि अगर किसी कारणवश ईपीएफओ सदस्य की मौत हो जाए तो उसका उत्तराधिकारी या नॉमिनी इस बीमा रकम के लिए क्लेम कर सकता है. हालांकि 7 लाख का क्लेम अमाउंट सभी को नहीं दिया जाता और इसकी कैलकुलेशन एक फॉर्मूले के जरिए की जाती है. यहां जानिए ईडीएआई से जुड़े कुछ नियम और क्लेम अमाउंट तय करने का फार्मूला. प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले किसी भी कर्मचारी के लिए यह बीमा कवर एकदम मुफ्त होता है. इस स्कीम के लिए योगदान कंपनी की ओर से किया जाता है जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 0.50 फी होता है. आमतौर पर लोगों को पीएफ के पैसे और पेंशन स्कीम के बारे में तो पता होता है लेकिन ईडीएआई योजना की जानकारी नहीं होती. अधिकतम 7 लाख तक का मुफ्त बीमा देने वाली इस स्कीम में क्लेम अमाउंट की कैलकुलेशन एक निश्चित फॉर्मूले के तहत तय की जाती है.

यह खबर भी पढ़ें-  रक्षाबंधन के तुरंत बाद सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान- आज से महिलाओं को हर महीने मिलेगी इतनी रकम

175000 तक की बोनस राशि का भुगतान

बीमा राशि पिछले 12 महीनों की बेसिक सैलरी और डीए पर निर्भर करती है. इंश्योरेंस कवर का क्लेम आखिरी बेसिक सैलरी प्लस डीए का 35 गुना होगा. साथ ही क्लेम करने वाले को 175000 तक की बोनस राशि का भुगतान भी किया जाता है. यदि ईपीएफ सब्सक्राइबर की असमय मौत हो जाती है तो उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी इंश्योरेंस कवर के लिए क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए नॉमिनी की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए. इससे कम होने पर उसकी तरफ से अभिभावक क्लेम कर सकते हैं. क्लेम करते समय मृत्यु का प्रमाण पत्र सक्सेशन सर्टिफिकेट जैसे डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. अगर दावा माइनर के अभिभावक की ओर से किया जा रहा है तो गार्जियनशिप सर्टिफिकेट और बैंक डिटेल्स देने होंगे.

यह खबर भी पढ़ें-  बुरी खबरः आ गया Corona से भी खतरनाक Virus, मचेगी तबाही... भारत में फिर लगेगा Lockdown?

परिवार उत्तराधिकारी या नॉमिनी इसका क्लेम नहीं कर सकते

ईडीएआई से जुड़े नियमों के अनुसार अगर ईपीएफओ सदस्य केवल ईडीएलआई योजना द्वारा तब तक ही कवर किया जाता है जब तक वह नौकरी करता है. नौकरी छोड़ने के बाद उसके परिवार उत्तराधिकारी या नॉमिनी इसका क्लेम नहीं कर सकते. अगर पीएफओ मेंबर लगातार 12 महीनों से नौकरी करता आ रहा रहा है तो कर्मचारी की मृत्यु के बाद नॉमिनी को कम से कम ढाई लाख तक का लाभ मिलेगा. नौकरी करने के दौरान अगर कर्मचारी की बीमारी दुर्घटना या स्वाभाविक मृत्यु होने पर ईडीएल आई को लेकर क्लेम किया जा सकता है.

EPFO News EPFO news in Hindi EPFO News norms
Advertisment
Advertisment
Advertisment