ETF vs Mutual Funds: फाइनेंशियल मैनेजमेंट में निवेश के कई विकल्प होते हैं. म्यूचुअल फंड बीते तीन दशकों में काफी लोकप्रियता हासिल कर चुका है. SIP यानी सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान में युवा वर्ग बड़ी संख्या में निवेश कर रहा है, जिसके जरिये छोटी-छोटी राशियों से निवेश शुरू करके बड़ी रकम बनाई जा सकती है. हालांकि, हाल के सालों में ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. लिहाजा ETF में निवेश करने के फायदे और म्यूचुअल फंड से इसकी तुलना के बारे में जानना आज के वक्त में बहुत-बहुत जरूरी है.
इसलिए आइये समझते हैं कि, आखिर ETF क्यों फायदेमंद हो सकता है और यह म्यूचुअल फंड से कैसे अलग है?
1. शेयर की तरह खरीद-बिक्री: ETF को शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा और बेचा जा सकता है. इससे निवेशक अपने निवेश को समय पर मॉनिटर कर सकते हैं और बाजार की चाल के अनुसार ट्रेडिंग कर सकते हैं.
2. ट्रेडिंग के दौरान निगरानी: ETF के ट्रैकिंग की पारदर्शिता की वजह से निवेशक ट्रेडिंग के दौरान इसे बारीकी से देख सकते हैं. इससे उन्हें सही समय पर निर्णय लेने में मदद मिलती है.
3. आसान बिक्री: ETF को बेचने की प्रक्रिया म्यूचुअल फंड की तुलना में कहीं अधिक आसान है. शेयर की तरह, ETF को किसी भी समय खरीदा और बेचा जा सकता है.
4. विविध सेक्टर में निवेश: ETF के माध्यम से निवेशक विभिन्न सेक्टरों में निवेश कर सकते हैं, जिससे पोर्टफोलियो की विविधता बढ़ती है और जोखिम कम होता है.
5. डिविडेंड पर टैक्स की छूट: ETF से मिलने वाले डिविडेंड पर आयकर नहीं लगता, जिससे निवेशक को टैक्स की चिंताओं से राहत मिलती है.
6. कम एक्सपेंस रेशियो: ETF में निवेश पर म्यूचुअल फंड की तुलना में कम एक्सपेंस रेशियो लगता है, जिससे निवेशक को अधिक रिटर्न प्राप्त होता है.
7. कोई एग्जिट लोड नहीं: ETF की निकासी पर किसी प्रकार का एग्जिट लोड नहीं लगता, जो म्यूचुअल फंड में अक्सर देखने को मिलता है.
8. फ्लेक्सिबल निवेश: ETF में जब चाहें तब निवेश कर सकते हैं, जबकि म्यूचुअल फंड की SIP में नियमित ऑटो-डैबिट की आवश्यकता होती है.
ऐसे में ETF में निवेश की सुविधा, पारदर्शिता, और कम लागत इसे एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं. यदि आप म्यूचुअल फंड के मुकाबले एक अधिक फ्लेक्सिबल और पारदर्शी निवेश विकल्प की तलाश में हैं, तो ETF आपके लिए उपयुक्त हो सकता है.