हाईवेज देश के विकास देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रमाण हैं. लेकिन यही हाईवेज जब आपकी जेब को ढीला करना लगते हैं तो आपको थोड़ी दिक्कत होती है. प्राप्त आंकड़े कुछ इस प्रकार के हैं कि देश हाईवेज पर प्राप्त टोल से लगभग 40,000 करोड़ उगाह रहा है. साल के और टारगेट हैं. लगभग डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंचने का. ऐसे में तीन गुना तक टोल वसूली यानी कि तीन गुना लगान वसूली बड़ी सुर्खी बनता है. अब आपके दिमाग में पहला प्रश्न बनेगा कि क्या इन रोड पर टोल टैक्स बढ़ने वाला है, नहीं अब लीकेज रुकने वाला है. पाई-पाई का हिसाब होने वाला है. आपको लगता था कि टोल टैक्स तक गाड़ी चलाकर जाएंगे और जहां टोल गेट लगा होगा वहां से यूटर्न मार कर चले आएंगे तो हमारा टोल नहीं लगेगा.
यह खबर भी पढ़ें- Bad News: अभी-अभी देश के इस दिग्गज नेता का हुआ निधन, राजनीतिक जगत में दौड़ी शोक की लहर
आपकी यात्रा में 20 किमी तक टोल माफ रहेगी
टोल के इस पार सवारी उतारेंगे, सवारी टोल पार करके दूसरी तरफ जाएंगी. दूसरी बस में बैठेगीं और पार हो जाएंगी. उसका भी टोल नहीं लगेगा, लेकिन सरकार अब हर प्रकार के लीकेज को रोकने के लिए लीक प्रूफ व्यवस्था लेकर आ रही है और उस लीक प्रूफ व्यवस्था में टोल गेट ही केवल कारण नहीं बनेगा जो इस बात का प्रमाण होगा कि हां जनाब आप यहां से निकले थे. अब ऊपर वाला बहुत ऊपर से देखेगा जी हां सैटेलाइट से आपको देखने की तैयारी कर रही है भारत सरकार. अगर अगर आप 20 किलोमीटर तक अपने घर से कहीं भी जाते हैं तो ऊपर वाला देख लेगा, लेकिन पैसे नहीं लेगा. मतलब यह कि आपकी यात्रा में 20 किमी तक टोल माफ रहेगी. सड़क पर जैसे होता है ना कि पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें. 20 किमी तक आप हाईवे पर बढ़िया आनंद लें, उसके बाद लगता है कि 21वें किलोमीटर जाना है तो सुनो पिछला 20 किलोमीटर वाला भी दे ही दो. मतलब ये कि ऊपर वाला आपको इतना गंभीरता से देखने वाला है.
यह खबर भी पढ़ें- मकान मालिक के लड़के ने चुपके से बाथरूम में लगा दिया 'हिडेन कैमरा', फिर महिला के साथ जो हुआ...
अब नया विकल्प सैटेलाइट से टोल वसूली
वाया सेटेलाइट और उस प्रक्रिया को नाम दिया गया है जीएनएसएस, जिसके थ्रू अब आपकी गाड़ी गाड़ियों के ऊपर से जो टोल टैक्स है वो एक विशेष प्रकार की यूनिट से जिसे ओबू कहा गया है ऑन बोर्ड यूनिट कहा गया है उससे कटेगा. इसका पायलट प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है. बकायदा टोल कलेक्शन के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी का जो रूल बुक है. उसमें संशोधन हो चुका है और उस संशोधन के साथ-साथ यह कहा गया है कि आने वाले समय में फास्ट टैग के स्थान पर ऑन बोर्ड यूनिट के माध्यम से सेटेलाइट का उपयोग करते हुए टोल की वसूली की जाएगी. इतना ही नहीं जो आपके गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स लगाई जा रही हैं. संभवतः एक और तरीका यानी कि फास्ट टैग आपके पास विकल्प है वो तो अब पुराना हो गया है. उसके बाद में अब नया विकल्प सैटेलाइट से टोल वसूली का आ रहा है और तीसरा गाड़ी के जो हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट हैं, उसको रीड करके टोल वसूली का. तीसरा तरीका जैसे आपके घर पर तेज गाड़ी चलाने पर ऑटोमेटिक नोटिस चला आता है. बिल्कुल वैसा ही आपके लिए तरीका ढूंढा जा रहा है. इन ढूंढने वाले तरीकों में जो दूसरा तरीका है ना सेटेलाइट से पैसे काटने वाला है.