Ethanol Production: देश में टोयोटा ने इथेनॉल से चलने वाली पहली गाड़ी को लॉन्च कर दिया है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल अक्टूबर में ही इथेनॉल से चलने वाली पहली कर देश में लॉन्च की है. इस कर की लॉन्चिंग को महंगे पेट्रोल डीजल के विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है. साथ ही इसको देश के किसान के लिए भी कमाई का एक नया जरिया माना जा रहा है.
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पेट्रोल-डीजल के मुकाबले काफी किफायती होगा इथेनॉल
पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे लोगों की जेब पर बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. इसी वजह से केंद्र सरकार इथेनॉल को पेट्रोल डीजल के विकल्प के रूप में सामने लाना चाहती है. बता दें कि इथेनॉल से चलने वाली कार ना सिर्फ किफायती और सस्ती होगी बल्कि एनवायरनमेंट पर एयर पॉल्यूशन के रूप में पढ़ने वाले पूरे असर को भी बचा सकेगी. इथेनॉल का प्रोडक्शन गन्ने से किया जाता है. भारत गन्ने के उत्पादन के मामले में विश्व में सबसे पहले स्थान पर आता है.
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इथेनॉल से बढ़ेगी किसानों की आय
देश में बड़े स्तर पर गन्ने के उत्पादन की वजह से इथेनॉल का प्रोडक्शन बड़े लेवल पर किया जा सकता है. यही कारण है कि केंद्र सरकार इथेनॉल पर जोर दे रही है. इथेनॉल से चलने वाली गाड़ियों के बड़े पैमाने पर सड़कों पर उतरने के बाद इथेनॉल की मांग बढ़ेगी और गन्ने की खेती करने वाले किसानों की कमाई भी बढ़ सकती है. भारत में इस कार को टोयोटा ने पाइरेट्स के तहत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल के तौर पर लॉन्च किया है.
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सरकार क्यों तलाश रही पेट्रोल-डीजल का विकल्प
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए इथेनॉल और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है. सरकार का मानना है कि पेट्रोल-डीजल के आयात में जहां देश का धन बाहर जाता है, वहीं इससे वातावरण पर पड़ने वालों दुष्प्रभावों से भी निजात मिल पाएगी.