Hydrogen Train in India: भारत सरकार लगातार देश में रेलवे को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की कोशिशें कर रही हैं. ऐसे में देशभर में ट्रेनों की संख्या और समय की बचत पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जिससे की यात्रियों को किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो. इन सबसे हट कर भारत सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है वो है देश की ट्रेनों पर सुरक्षा.
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रोजाना रेलवे 14.50 किलोमीटर का ट्रैक तैयार कर रहा रेलवे
भारतीय रेलवे अब हाइड्रोजन गैस से ट्रेनों के संचालन की तैयारी में है. जी हाँ, रेलवे बोर्ड ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत में इस साल यानी 2024 के अंत तक पहली हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत की जाएगी और इसी कड़ी में आगे भी हाइड्रोजन ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई जाएगी. जानकारी के मुताबिक साल 2047 तक भारतीय रेलवे ऐसी ट्रेनों की संख्या को बढ़ाकर 50 तक पहुंचा देगा. बजट का बड़ा हिस्सा सुरक्षा के लिए 1.8,00,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इतना ही नहीं बोर्ड की जानकारी के मुताबिक रोजाना रेलवे 14.50 किलोमीटर का ट्रैक तैयार कर रहा है, वहीं सिर्फ रेलवे हाइड्रोजन ट्रेनों की तैयारी नहीं कर रहा बल्कि देश में बुलेट ट्रैन की भी तैयारियां जोरों पर है.
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भारतीय रेलवे ने पहली हाइड्रोजन ट्रेन कहां चलेगी
इसके लिए जगह और रूट को भी चुन लिया है. ये रूट हरियाणा की जीन से लेकर सोनीपत तक होगा. यानी पहली हाइड्रोजन ट्रेन जींद से सोनीपत के बीच दौड़ेगी. इसका काम भी लगभग पूरा हो चुका है. हाइड्रोजन ट्रैन का मज़ा यात्री दार्जिलिंग, कालकर, शिमला, नीलगिर माउंटेन में भी ले सकते हैं. इतना ही नहीं ये खास इसलिए भी है क्योंकि जितनी भी ट्रेन भारत के ट्रैक पर दौड़ेगी, ये सभी ट्रैन मेड इन इंडिया भी होगी. हाइड्रोजन ट्रैन ईंधन सेल से चलती है, इसलिए इससे प्रदूषण भी कम होता है. माना जा रहा है कि हाइड्रोजन ट्रेनें ही ग्रीन इंडिया का एक सिंबल बनेगा जो आने वाले सालों में एक बड़ा बदलाव कर सकता है.