भारत में कई उद्योगपतियों ने एक वक्त में विशाल साम्राज्य खड़ा किया, अपनी कंपनियों और बिजनेस के बल पर समृद्धि की ऊंचाइयों को छुआ. उनके पास दौलत, शोहरत और दुनियाभर के मशहूर और शक्तिशाली लोगों से संपर्क थे, जिनके दम पर वे आर्थिक शिखर पर पहुंचे. मगर इस सफलता की चकाचौंध के पीछे, लालच और भ्रष्टाचार भी पसरा हुआ था.. इसी वजह से धीरे-धीरे फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी और काले धन के खेल ने उनकी संपत्तियों की नींव को कमजोर कर दिया. आज इस आर्टिकल में हम भारत के उन उद्योगपतियों के बारे में जानेंगे:
1. चंदा कोचर:
ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगे हैं. CBI द्वारा गिरफ्तार की गईं चंदा कोचर फिलहाल जमानत पर बाहर हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन देने के बदले 64 करोड़ रुपये रिश्वत ली. इसके परिणामस्वरूप वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपये का लोन देने में अनियमितता की गई.
2. वेणुगोपाल धूत:
वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत को भी फर्जीवाड़े के आरोप में जेल जाना पड़ा. 2015 में उनकी संपत्ति 1.19 अरब डॉलर थी, लेकिन कंपनी के दिवालियापन और चंदा कोचर के परिवार को लाभ पहुंचाने के मामले में उनकी स्थिति खराब हो गई.
3. मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह:
रैनबैक्सी लेबोरेटरीज के पूर्व प्रमोटर मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह ने 2008 में रैनबैक्सी बेचने के बाद कर्ज में डूबने और गलत खर्च के कारण अपनी संपत्ति खो दी. 2016 तक उनका कर्ज 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, और आज ये दोनों कंगाल और बदनाम हो चुके हैं.
4. विजय माल्या:
लग्जरी लाइफ के लिए प्रसिद्ध विजय माल्या, 17 बैंकों को 9 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाकर भगोड़ा बन गया. उसकी संपत्तियां भारत में नीलाम हो चुकी हैं, और वह वर्तमान में ब्रिटेन में फरार है.
5. मेहुल चोकसी:
मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक को 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाकर फरार हो गया. 1996 में गीतांजलि ग्रुप की स्थापना करने वाले चोकसी ने 2018 में पीएनबी घोटाले के बाद एंटीगुआ की नागरिकता प्राप्त की.
6. नीरव मोदी:
पीएनबी स्कैम का मास्टरमाइंड, पहले 13,000 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति का मालिक था, लेकिन अब वह 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्जदार हो चुका है और लंदन में पुलिस की गिरफ्त में है.