खुशखबरी: केन्द्र सरकार की योजना को धरातल पर लाने के लिए सभी बीजेपी शासित राज्यों ने कमर कस ली है. उत्तर प्रदेश के बाद मध्यप्रदेश की सरकार ने राज्य के 48 लाख बुजुर्गों को सरकारी योजना का तोहफा दिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बुजुर्गों की सबसे ज्यादा संख्या इंदौर में और सबसे कम संख्या निवाड़ी में दर्ज की गई है. राज्य की मोहन यादव सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत नए नाम को जोड़ने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है. इसके लिए राज्य के 1048 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है. जिनमें 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का उपचार किया जाएगा.
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जिलाधिकारियों को दिये निर्देश
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 70 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों को हर साल ₹500000 तक का फ्री उपचार दिया जाता है. इसमें चाहे कोई भी बीमारी हो सभी को कवर किया जाता है. अभी तक 70 साल के बुजुर्गों को योजना से अलग किया गया था. लेकिन पीएम मोदी के निर्देश पर अब सभी जिलाधिकारियों को आदेशित किया गया है कि अपने-अपने जिले में नए नाम जोड़ने का काम शुरू कर दें. किसी भी लापरवाही के कलेक्टर को ही जिम्मेदारी दी गई है. आयुष्मान योजना के लिए पात्रता का निर्धारण आधार कार्ड में दर्ज उम्र के आधार पर ही किया जाएगा.
कहां कितने बुजुर्ग
चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई सूची में इंदौर में 70 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्गों की संख्या 3 लाख 90 हजार 487 है. वहीं सबसे कम बुजुर्ग निवाड़ी जिले में 25 हजार 964 हैं. नवगठित जिले पांढुर्ना में 26 हजार 78, मैहर में 47 हजार 715 और मऊगंज में 51 हजार 865 बुजुर्ग 70 साल से अधिक आयु के हैं. इसके अलावा भोपाल में 2 लाख 8 हजार 999, सतना में एक लाख 12 हजार 720, राजगढ़ में एक लाख 10 हजार 161, देवास में एक लाख 3 हजार 729, खरगोन में एक लाख 1 हजार 480, ग्वालियर में 1 लाख 91 हजार 963, सागर में एक लाख 49 हजार 789, रीवा में एक लाख 47 हजार 242, जबलपुर में एक लाख 88 हजार 490, उज्जैन में एक लाख 58 हजार 551, भिंड में एक लाख 31हजार 934, छतरपुर में 1 लाख 26 हजार 620, मुरैना में 1 लाख 20 हजार 825 और रतलाम में 1 लाख 969 हैं.