केंद्र सरकार शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. राजस्थान की भाजपा सरकार शिक्षा की क्वालिटी में सुधार लाने के लिए केंद्र के साथ मिलकर काम कर रही है. इस बीच राजस्थान के शिक्षा मंत्री इन्वेस्टर्स को आमंत्रित करने के लिए कोलकाता पहुंचे हैं. उन्होंने यहां प्रवासी राजस्थानी परिषद द्वारा आयोजित एक कदम शिक्षा की ओर कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने इस दौरान बालिकाओं की शिक्षा पर जोर दिया.
स्कूल को गोद भी ले सकते हैं निवेशक
कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सरकार हर स्तर पर निवेशकों और भामाशाहों का सहयोग करेगी. बीते साल 138 भामाशाहों ने शिक्षा विभाग में एक हजार करोड़ से अधिक का निवेश किया. खास बात है कि अगर कोई निवेशक दो करोड़ से अधिक का निवेश करता है तो स्कूल का नाम उसके नाम पर कर दिया जाएगा. निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार, स्कूल को गोद भी ले सकता है.
अप्रवासी राजस्थानियों से सहयोग मांगा
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में रह रहे अप्रवासी राजस्थानियों मिलने के लिए शिक्षा मंत्री खुद आला अधिकारियों के साथ वहां पहुंचे. उन्होंने अप्रवासी राजस्थानियों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान अभियान से जुड़कर वे राजस्थान की शिक्षा व्यवसथा में कायाकल्प करने में सहभागी बन सकते हैं. देश-विदेश में मारवाड़ी परचम फहरा रहे हैं. मातृभूमि से उनका जुड़ाव भी है. .
दानदाता यहां भी कर सकते हैं निवेश
शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 19 हजार प्राथमिक विद्यालय, 16 हजार माध्यमिक विद्यालय और 26 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालय है. इन विद्यालयों के छात्रों को बेहतर सुविधाएं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए कुछ प्राथमिकताएं तय की गईं हैं. दानदाता कहां-कहां पैसा लगा सकते हैं, इसके लिए कुछ जगह निर्धारित की गईं हैं. जैसे- स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब, स्पोर्ट्स, सोलर पैनल और विद्यालय भवन निर्माण. इन क्षेत्रों में निवेश करके इन्वेस्टर्स सरकार की मदद कर सकते हैं.