Gujarat Weather: अपने घरों में आने वाले कुछ दिन के लिए राशन और जरूर सामान स्टोर कर लें. क्योंकि एक बार फिर आप लोग घरों में कैद हो सकते हैं. दरअसल मानसून के बिगड़े मिजाज ने गुजरात समेत कुछ राज्यों में जमकर कहर बरपाया है. इसकी वजह से लोग घरों में ही कैद हो गए हैं. स्कूलों, कॉलेजों के साथ-साथ निजी संस्थानों की भी छुट्टी कर दी गई है. इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की ओर से एक अलर्ट जारी किया गया है. इसके तहत आने वाले कुछ दिन गुजरात के कई जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है.
क्यों हो रही भारी बारिश
बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की वजह से मौसम के मिजाज में लगातार करवट देखने को मिल रही है. गुजरात में बीते कुछ दिनों से जोरदार बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. बड़े-बड़े शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हर जगह लोग बारिश और बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं.
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20 से ज्यादा जिलों में बारिश का अलर्ट
दरअसल बीते कुछ दिनों से हो रही बारिश के बाद सड़कें सैलाब बन चुकी हैं. कच्चे मकान जहां बाढ़ की चपेट में आ गए हैं वहीं शहरी इलाकों में कई घर इन दिनों जलमग्न हो गए हैं. इसको लेकर सरकार और प्रशसान भी अलर्ट मोड पर है.
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मौके पर तैनात हैं. इस बीच हजारों की संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है और मछुआरों को समुद्र तट के करीब न जाने की हिदायत भी दी गई है. बता दें कि सौराष्ट्र से लेकर अन्य इलाकों में भी बारिश और बाढ़ ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है.
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी बढ़ी मुश्किलें
गुजरात के साथ-साथ दक्षिण भारत के दो अन्य राज्य भी इन दिनों बारिश और बाढ़ की चपटे में हैं. बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव की वजह से यहां जोरदार बारिश ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. आंध्र प्रदेश में ही अब तक बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से करीब 33 लोगों की मौत हो चुकी है.
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लॉकडाउन जैसे हालात
30 अगस्त से 3 सितंबर तक के भी आंध्र प्रदेश में बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. इस दौरान प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूबा नजर आया. खास बात यह है कि इस पूरी बारिश का 27 फीसदी हिस्सा महज 48 घंटों में ही हुआ. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां पर भी लोगों को जब तक जरूरी काम न हो घरों से बाहर निकलने की सलाह दी गई है. ऐसे में भले ही यह कोरोना महामारी जैसे लॉकडाउन नहीं है लोगों को घरों में कैद रहने को तो मजबूर कर ही रहा है.