अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में 108 एंबुलेंस की तरह हेली एंबुलेंस सेवा 29 अक्टूबर से शुरू होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सेवा का शुभारंभ करेंगे. हालांकि, पीएम मोदी एतिहासिक सेवा की शुरुआत वर्चुअली करेंगे. आज ऋषिकेश एम्स हेली एंबुलेंस शुरू करने वाला देश का पहला संस्थान बन जाएगा.
ऋषिकेश एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि शुभारंग के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई सांसद और विधायक एम्स में उपस्थित रहेंगे. हेली सेवा का संचालन संजीवनी योजना के तहत होगा. सेवा पूरी तरह मुफ्त होगी. प्रदेश भर में इसका लाभ मिलने वाला है. कई चरणों में हेली एंबुलेंस का ट्रायल किया गया है, जो पूरी तरह से सफल रहे हैं.
जरुरतमंदों की पहचान के बाद ही उपलब्ध होंगी सेवाएं
कार्यकारी निदेशक प्रो सिंह ने बताया कि सेवा का दुरुपयोग ने हो, इसके लिए जरुरतमंद की पहचान के लिए विशेष ढांचा तैयार किया गया है. उन्होंने बताया कि अगर किसी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को जल्द इलाज की जरुरत होगी तो डॉक्टरों की सिफरिश पर स्थानीय प्रशासन की मदद से हेली एंबुलेंस का लाभ दिया जाएगा. जिस मरीज की स्थिति सबसे अधिक गंभीर होगी, उसे ही प्राथमिकता दी जाएगी. सेवा का लाभ पूरे उत्तराखंड में लिया जा सकता है. खास बात है कि उत्तराखंड की सीमा से लगे उत्तरप्रदेश के भी कुछ इलाकों में हेली एंबुलेंस का लाभ दिया जाएगा.
महीने में कम से कम 30 मरीजों को लाभ पहुंचाना जरूरी
प्रो सिंह ने बताया कि संजीवनी योजना का संचालन केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त रूप से कर रहे हैं. दोनों सरकारें 50-50 प्रतिशत खर्च वहन करेंगे. हेली एंबुलेंस के तहत हर महीने कम से कम 30 मरीजों को लाभ पहुंचाना जरूरी है. एम्स का भी प्रयास है कि अधिक से अधिक जरुरतमंदों को लाभ मिले. उम्मीद है कि भविष्य में सेवा को आयुष्मान भारत योजना से भी जोड़ा जाए.
अत्याधुनिक और हाईटेक है एंबुलेंस सेवा
हेली एंबुलेंस में वेंटीलेटर सहित अन्य आवश्यक और अत्याधुनिक जीवनरक्षक उपकरण उपलब्ध होंगे. एंबुलेंस सेवा काफी ज्यादा हाईटेक है. एंबुलेंस में डॉक्टरों सहित अन्य मेडिकल स्टॉफ तैनात रहेगा. एक वक्त पर एक ही मरीज को हेली एंबुलेंस से ले जाया जा सकता है.