प्रॉपर्टी खरीदने का सपना कौन नहीं देखता, लेकिन कई बार सरकारी नियमों या फिर धन के अभाव में लोग अपना ये सपना पूरा नहीं कर पाते हैं. बीते कुछ वक्त में प्रॉपर्टी के दामों में काफी तेजी देखने को मिली है. देश के हर हिस्से में प्रॉपर्टी के दाम काफी तेजी से बढ़े हैं. हालांकि इस बार के बजट में प्रॉपर्टी को लेकर वित्त मंत्री के भाषण ने घर खरीदारों और किराए पर घर लेने वालों की थोड़ी चिंता जरूर बढ़ा दी थी, लेकिन अब मोदी सरकार ने इसको लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद अब घर खरीदने वालों की मौज आ जाएगी. आइए जानते हैं कि आखिर मोदी सरकार ने ऐसी क्या बड़ी छूट दी है जिससे घर खरीदना एक बार फिर आसान हो जाएगा.
घर खरीदने वालों को मोदी सरकार ने दिया तोहफा
मोदी सरकार ने मकान लेने की इच्छा रखने वालों को एक बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने रियल एस्टेट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में बदलाव करने की तैयारी कर ली है. यानी घर खरीदने के इच्छुक लोगों को एक बार फिर से इंडेक्सेशन का विकल्प दिया गया है.
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मंगलवार को सरकार ने रियल एस्टेट संपत्तियों पर पूंजीगत लाभ कर मामले में एक बड़ा फैसला लेते हुए अब करदाताओं को राहत देने का प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव के तहत अब संपत्ति के स्वामी यानी मालिक के पास पूंजीगत लाभ पर 20 फीसदी या फिर 12.5 फीसदी कर की दर में से कोई एक चुनने का विकल्प होगा.
इस फैसले को घर खरीदारों के लिए वरदान की तरह माना जा रहा है. क्योंकि इस विकल्प के जरिए एक बार फिर पुरानी दरों पर ही लोग मकान खरीद पाएंगे. वित्त विधेयक, 2024 में इस संशोधन का ब्योरा लोकसभा सदस्यों को वितरित भी कर दिया गया है.
ये है सरकार का प्रस्ताव
संशोधित प्रस्ताव के अनुसार, 23 जुलाई, 2024 से पहले घर खरीदार कोई भी शख्स या हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) मुद्रास्फीति के प्रभाव को शामिल किए बिना 12.5 फीसदी की नई कर योजना का चयन कर सकता है.
इसके अलावा, उनके पास पुरानी योजना के तहत इंडेक्सेशन के साथ 20 फीसदी कर का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा. ऐसे में इन दोनों विकल्पों में से जिस पर कम टैक्स बनेगा खरीदार उसका पेमेंट कर सकता है.
बता दें कि बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024-25 पेश करते समय संपत्ति की बिक्री से होने वाले इंडेक्सेशन लाभ को हटाने और कर को 12.5 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था.
इस निर्णय के कारण विभिन्न वर्गों में असंतोष की भावना पैदा हुई थी और लोगों की प्रॉपर्टी खरीदने में रुचि कम होने लगी थी. ऐसे में सरकार के विकल्प वाले फैसले से न सिर्फ खरीदारों की मौज आ जाएगी बल्कि रियल एस्टेट को भी बड़ा बूम मिलेगा.
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