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लॉरेंस बिश्नोई को लड़की से हुआ प्यार, फिर गर्लफ्रेंड की हत्या...हैरान कर देगी डॉन बनने की कहानी

कॉलेज में पढ़ाई के दौरान लॉरेंस की एक लड़की से दोस्ती थी जो बाद में प्यार में बदल गई. चुनाव हारने के बाद होने वाली गैंगवार में उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या हो गई, जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा.

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Mohit Sharma
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Lawrence Bishnoi

गर्लफ्रेंड की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई कैसे बना डॉन? हैरान कर देगी कहानी

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Lawrence Bishnoi: एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उन्हें मारने की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है. इससे पहले लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी भी ली थी. पुलिस कांस्टेबल का बेटा होकर लॉरेंस बिश्नोई कैसे बन गया गैंगस्टर. चलिए आपको बताते हैं लॉरेंस बिश्नोई का जन्म साल 1993 में पुलिस कांस्टेबल के घर हुआ. बच्चा गोरा चिट्टा था मां ने उसका नाम लॉरेंस रखा. यह एक क्रिश्चन नाम है, जिसका मतलब साफ और चमकता हुआ सफेद होता है. हालांकि पुलिस रिकॉर्ड में लॉरेंस का नाम सतविंदर सिंह है. लॉरेंस बचपन से ही काफी एक्टिव और स्पोर्टी था. वह कुश्ती लड़ता था, लेकिन उसके पिता का सपना था कि बेटा आईएएस ऑफिसर बने.

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लॉरेंस ने डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया

12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद लॉरेंस ने डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया. धीरे-धीरे उसने छात्र राजनीति में दिलचस्पी लेनी शुरू की और यही उसकी दोस्ती गोल्डी बराड़ से हुई. वहीं गोल्डी बराड जो विदेश में बैठकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करता है, ने 2011 में लॉरेंस ने चुनाव लड़ने के लिए एक संगठन बनाया. नाम रखा स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी. इसी बैनर तले उसने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गया. हार के बाद लॉरेंस अपमानित महसूस करने लगा. उसके मन में बदला लेने का भूत सवार हो गया. उसी साल उसने एक रिवॉल्वर खरीदी और उस गैंग से जा भिड़ा जिसके हाथों उसकी हार हुई थी. दोनों गैंग के बीच बहस और हाथापाई हुई. इसी बीच लॉरेंस ने फायरिंग कर दी. तब पंजाब पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया था.

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लॉरेंस को कॉलेज में लड़की से प्यार हुआ

लॉरेंस के खिलाफ यह पहला मामला था. इसके बाद लॉरेंस ने अवैध गतिविधियों में शामिल होना शुरू कर दिया. वह गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया और रॉकी फाजिल के गैंग से जुड़ गया. भगवानपुरिया गुरदासपुर का रहने वाला था, उसने लॉरेंस को ना केवल धंधे के गुण सिखाए बल्कि उसे अपने कामों में खुली छूट भी दी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कॉलेज में पढ़ाई के दौरान लॉरेंस की एक लड़की से दोस्ती थी जो बाद में प्यार में बदल गई. चुनाव हारने के बाद होने वाली गैंगवार में उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या हो गई, जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा. आगे चलकर लॉरेंस की दोस्ती संपत नेहरा से हुई. संपत पुलिस इंस्पेक्टर का बेटा था, उसे भी स्पोर्ट्स में खासी दिलचस्पी थी. गोल्डी और संपत ने मिलकर पंजाब के साथ-साथ हरियाणा में भी अपराध को अंजाम देना शुरू कर दिया. इस तिकड़ी ने हरियाणा में काला जठरी और दिल्ली में जितेंद्र गोगी के साथ गठबंधन किया. यहीं से लॉरेंस बिश्नोई ऑर्गेनाइज्ड क्राइम में शामिल हो गया.

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