How to Save Taxes: टैक्स बचाने के कई तरीके हैं, इंडियन टैक्सपेयर्स इन ट्रिक्स का इस्तेमाल करने अपने आयकर की देनदारी को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इन तरीकों का उपयोग कर आप न सिर्फ करों को प्रभावी तरीके से कम कर सकते हैं, बल्कि वित्तीय योजना को भी बेहतर बना सकते हैं. इस आर्टिकल में आपको कौन सी धारा और योजना के तहत आप निवेश कर सकते हैं, साथ ही उसके क्या-क्या लाभ हैं उसके बारे में बताने जा रहे हैं. चलिए जानते हैं...
1. धारा 80C के तहत निवेश:
ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम): टैक्स बचाने के लिए निवेश.
PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड): टैक्स-फ्री ब्याज और प्रिंसिपल पर छूट.
NSC (नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट): टैक्स में छूट और सुनिश्चित रिटर्न.
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट: निर्धारित अवधि के लिए टैक्स लाभ.
2. धारा 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम:
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम: खुद और परिवार के लिए प्रीमियम का टैक्स लाभ.
लाभ: व्यक्तिगत और परिवार के बीमा प्रीमियम पर छूट.
3. धारा 24(b) के तहत होम लोन:
होम लोन ब्याज: होम लोन की किस्तों पर ब्याज पर टैक्स छूट.
प्रिंसिपल रिडेम्प्शन: होम लोन प्रिंसिपल चुकाने पर भी टैक्स लाभ.
4. धारा 10(14) के तहत भत्ते:
कर्मचारी भत्ते: हाउस रेंट अलाउंस (HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस आदि पर टैक्स छूट.
5. धारा 80E के तहत शिक्षा लोन:
शिक्षा लोन ब्याज: शिक्षा लोन पर ब्याज के भुगतान पर टैक्स लाभ.
6. धारा 80G के तहत दान:
चैरिटी दान: पंजीकृत चैरिटी संस्थाओं को किए गए दान पर टैक्स छूट.
7. धारा 80TTA/80TTB के तहत बचत खाते पर ब्याज:
बचत खाते ब्याज: कुछ सीमा तक टैक्स छूट.
8. वेतन बढ़ोतरी योजना (Salary Structuring):
वेतन में समायोजन: वेतन संरचना में टैक्स बचत के तत्व जोड़ना, जैसे की एचआरए, सीए, और अन्य भत्ते.
9. सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) और EPF:
कर छूट: PPF और EPF योगदान पर टैक्स छूट.
10. निवेश योजनाएं:
म्यूचुअल फंड्स: टैक्स बचाने के लिए ELSS जैसी विशेष योजनाएं.
11. मेडिकल खर्च:
धारा 80DDB: गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च पर टैक्स छूट.